Sunday, November 17, 2024
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अमित शाह के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की प्रधानमंत्री से मुलाकात, बदले सियासी समीकरण

मध्य प्रदेश सरकार के छह मंत्री समेत कुल 17 विधायक बेंगलुरु में हैं। आशंका जताई जा रही हैं कि सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी जॉइन करने वाले हैं।

पूरा देश होली का त्यौहार मनाने में जुटा हुआ है, कुछ इसी तरह से मध्य प्रदेश के लोग और सीएम कमलनाथ भी लोगों के साथ होली का त्यौहार मनाने में जुटे हुए थे, लेकिन ज्योतिरादित्य के एक पत्र ने मध्य प्रदेश की ही नहीं बल्कि पूरी देश की राजनीति में तूफान ला दिया। वह पत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया का कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के लिए पार्टी से अपना इस्तीफा देने के संबंध में था।

सिंधिया का कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कमलनाथ के विधायकों में भगदड़ सी मच गई है। अभी तक कॉन्ग्रेस के 19 विधायक कमलनाथ सरकार से अपना इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं 19 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। दूसरी ओर गृहमंत्री अमित शाह के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है। इसके बाद अमित शाह सिंधिया को अपने साथ अपने आवास पर ले गए। अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिंधिया आज शाम छह बजे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

दूसरी ओर सपा विधायक राजेश शुक्ला और बसपा विधायक संजीव कुशवाहा ने भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान के आवास पर पहुँचकर पूर्व सीएम चौहान से मुलाकात की है। उधर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लाल जी टण्डन को चिट्ठी लिखकर 6 मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश भी कर दी है।

दरअसल, मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने सरकार तो बनाई लेकिन बहुत कोशिशों के बावजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया सीएम नहीं बन सके। इसके छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में हार सिंधिया के लिए दूसरा बड़ा झटका साबित हुई। सीएम ना बन पाने के बावजूद लगभग 23 विधायक ऐसे हैं, जिन्हें सिधिया के खेमे का माना जाता है। इसमें से छह को मंत्री भी बनाया गया। इन्हीं में से कुछ विधायकों ने कमलनाथ की सरकार को मुश्किल में डाल दिया है।

वहीं लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं। बार-बार माँग करने के बावजूद उन्हें मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष का पद भी नहीं मिला, जिसने आग में घी काम का काम किया है, लेकिन इस बार सिंधिया समझौते के मूड में नहीं हैं। उधर 13 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन का आखिरी दिन है। कहा जा रहा है कि सिंधिया खुद के लिए राज्यसभा सीट या मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष का पद चाहते थे। लेकिन अब बात बिगड़ चुकी है।

उधर मध्य प्रदेश सरकार के छह मंत्री समेत कुल 17 विधायक बेंगलुरु में हैं। आशंका जताई जा रही हैं कि सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी जॉइन करने वाले हैं।

गौरतलब है कि 9 मार्च को होली के दिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कॉन्ग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया ने कॉन्ग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखते हुए कहा था कि वह 18 वर्षों से कॉन्ग्रेस के प्राथमिक सदस्य रहे हैं, लेकिन अब राह अलग करने का वक्त आ गया है। सिंधिया ने सोनिया पर सब कुछ जानते हुए कुछ नहीं करने आरोप लगाया था और लिखा था, “मैं भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है।” आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूँ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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