पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार नए कानून लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत संपत्तियों को नुकसान पहुॅंचाने वालों से ही सरकार वसूली करेगी। इसके लिए निजी एवं लोक संपत्ति नुकसान निवारण एवं वसूली अधिनियम जल्द लाए जाने की जानकारी बुधवार (3 नवंबर 2021) को राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी। ऐसे मामलों के निपटारे के लिए अधिनियम के तहत ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
MP Govt is bringing ‘Prevention of Loss of Public and Private Property and Recovery of Damages Act’. Claim Tribunal will be formed for recovery of damages from those who pelt stones&damage govt/pvt properties. It’ll be formed as per location of the incident: MP HM Narottam Mishra pic.twitter.com/VvbZkj38gy
— ANI (@ANI) November 3, 2021
गृहमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है, “अब पत्थरबाजी, धरना-प्रदर्शन और आंदोलनों के दौरान निजी एवं शासकीय संपति को नुकसान पहुँचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस संबंध में सार्वजनिक और प्राइवेट नुकसान की रोकथाम और नुकसान की वसूली के लिए अधिनियम लाया जाएगा। घटनास्थल के हिसाब से जुर्माने की रकम का आकलन किया जाएगा।”
उन्होंने आगे बताया कि इसमें सेवानिवृत्त डीजी स्तर के अधिकारी, सेवानिवृत्त आईजी स्तर के अधिकारी और सेवानिवृत्त सचिव शामिल होंगे। ट्रिब्यूनल के पास सिविल कोर्ट की शक्तियाँ होंगी। कलेक्टर ट्रिब्यूनल को सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी देंगे और मालिक खुद निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी देंगे।
निजी एवं लोक संपत्ति नुकसान निवारण एवं वसूली अधिनियम में क्लेम ट्रिब्यूनल के माध्यम से मौजूदा प्रावधानों को और सख्त किया जा रहा है।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) November 3, 2021
बता दें कि क्लेम ट्रिब्यूनल के पास भू-राजस्व संहिता के तहत कई शक्तियाँ होंगी। इससे एक महीने के भीतर मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा। किसी भी मामले की अपील केवल हाई कोर्ट में की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी उपद्रवियों पर सख्ती के लिए इस तरह के कदम उठा चुकी है।