महाराष्ट्र में रेमडेसिविर खेप को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री ने बड़ा खुलासा किया है। राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी थी कि रेमडेसिविर (Remdesivir) की 60,000 शीशियों को बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार के लिए मँगाया था।
मंगलवार (अप्रैल 20, 2021) को News18 लोकमत को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि बीजेपी के नेताओं ने दवा निर्माताओं के एक प्रनितिधिमंडल के साथ उनसे उनके घर में मुलाकात की थी। बीजेपी ने उनसे राज्य सरकार के लिए रेमडेसिविर स्टॉक खरीदने में मदद की पेशकश की और वो इसके लिए तैयार हो गए थे। पूरी प्रक्रिया सभी नियमों का पालन करते हुए लोगों की मदद करने के इरादे से की गई थी। इसके साथ ही उन्होंने महाविकास अघाड़ी को लेकर भी काफी कुछ बताया।
महाविकास अघाड़ी को और शर्मिंदा करते हुए राजेंद्र शिंगणे ने पुष्टि की कि ये इंजेक्शन किसी अन्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। उन्हें भाजपा नेताओं ने भी इसके बारे में आश्वासन दिया था। उन्होंने राजनीतिक दलों से आरोप प्रत्यारोप लगाने की बजाय इस मुश्किल घड़ी में साथ आने का आग्रह किया।
“60,000 vials of #Remdesivir arranged by the #BJP were intended for the Maharashtra Government.
— Siddharth Shirole (@SidShirole) April 20, 2021
The entire process was done following all rules, with due permissions and with with genuine intentions to help the citizens.” – FDA Cabinet Minister Dr. @DrShingnespeaks ji pic.twitter.com/cI260gWi6d
दरअसल, एफडीए मंत्री के इस कबूलनामे से महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सहयोगियों शिवसेना-एनसीपी और कॉन्ग्रेस की काफी किरकिरी हुई है। दरअसल, शनिवार-रविवार की रात दमन से लाए जा रहे साठ हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की इस खेप को मुंबई पुलिस ने कालाबाजारी का स्टॉक समझकर जब्त कर लिया था। इतना ही नहीं कंपनी के एक अधिकारी को हिरासत में भी ले लिया गया था। रात भर चले ड्रामे के बाद अधिकारी को जाने दिया गया, लेकिन इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ था।
राजेंद्र शिंगणे के स्पष्टीकरण के बाद महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि उन्होंने दवा निर्माताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शिंगणे से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि शिंगणे ने हमारे प्रयासों के लिए हमें धन्यवाद भी किया और हमने भी यह आश्वासन दिया कि इंजेक्शन की खुराक राज्य सरकार को दी जाएगी। दरेकर ने कहा कि अब एनसीपी के गृह मंत्री दिलीप पाटिल, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक, शिवसेना सांसद संजय राउत, प्रदेश कॉन्ग्रेस प्रमुख नाना पटोले और प्रियंका गाँधी वाड्रा जैसे नेताओं को इस मामले में जवाब देना चाहिए।
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक प्रसाद लाड ने सोमवार को कहा कि 60 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की जिस खेप को कालाबाजारी का स्टॉक समझा जा रहा था, उस स्टॉक को बीजेपी महाराष्ट्र सरकार को देने के लिए खरीदने जा रही थी। लाड ने आगे यह भी कहा कि हमने एफडीए मंत्री राजेंद्र शिंगणे को एक पत्र लिखा था और दमन से फोन कर मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को सूचित किया था कि बीजेपी राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने की कोशिश कर रही है। हमने राज्य सरकार को कंपनियों से सीधे संपर्क करके और रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने का निवेदन भी किया था।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो कंपनी इंजेक्शन की आपूर्ति करके महाराष्ट्र सरकार की मदद कर रही थी, उसे पुलिस स्टेशन बुलाया गया और पूछताछ की गई। इस डर से कि बीजेपी को इसका श्रेय मिलेगा, महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने इसे राजनीतिक रंग देने की भी कोशिश की। बीजेपी नेता जनता की भलाई के लिए किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार है।
बता दें कि कॉन्ग्रेस समर्थक और बेबाकी से फेक न्यूज फैलाने में माहिर साकेत गोखले ने सोमवार (अप्रैल 19, 2021) को राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल के साथ मिलकर देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ रेमडेसिविर स्टॉक की जमाखोरी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले गोखले ने बेबुनियाद ट्वीट्स की सीरीज में आरोप लगाया था कि भाजपा ने महाराष्ट्र में अपने पार्टी कार्यालय में 4.75 करोड़ रुपए की रेमडेसिविर (Remdesivir) की जमाखोरी की है।
गोखले ने यह आरोप मुंबई पुलिस द्वारा शनिवार को दमन स्थित ब्रुक फार्मा कंपनी के रेमडेसिविर सप्लायर को हिरासत में लेने और सवाल पूछे जाने के बाद लगाया था। बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने कंपनी से रेमडेसिविर को महाराष्ट्र में लोगों को आपूर्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर को हिरासत में ले लिया था। हालाँकि, देवेंद्र फडणवीस द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद उसे रिहा कर दिया गया।