Monday, November 18, 2024
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बाल ठाकरे स्मारक निर्माण के लिए महाराष्ट्र कैबिनेट ने किए ₹100 करोड़ मंजूर

भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच लम्बे समय से चल रहे मनमुटाव के बीच देवेंद्र फड़णवीस सरकार की ओर से यह निर्णय लिया जाना एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है। शिवसेना काफी लंबे समय से इसकी माँग भी कर रही थी।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार (जनवरी 22, 2019) को दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के स्मारक निर्माण के लिए ₹100 करोड़ की मंजूरी दे दी है।

23 जनवरी को शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती से ठीक एक दिन पहले महाराष्ट्र कैबिनेट ने यह बड़ा निर्णय लिया है। इस स्मारक का नाम ‘बालासाहेब ठाकरे राष्ट्रीय स्मारक’ होगा। राज्य सरकार ने पिछले साल बजट में इसका आवंटन किया था, लेकिन आज इसे मंजूरी दे दी गई है। स्मारक निर्माण की ज़िम्मेदारी MMRDA की होगी।

महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे सिर्फ शिवसेना के नेता नहीं थे बल्कि इस गठबंधन के नेता थे। बालासाहेब सभी राजनीतिक दलों के लिए उच्च महत्व के व्यक्ति बने रहेंगे। इसलिए, आज के मंत्रिमंडल में उनके स्मारक के लिए कैबिनेट ₹100 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।”

श्री मुनगंटीवार ने कहा कि स्मारक के लिए धन मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा प्रदान किया जाएगा और भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद श्री मुनगंटीवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना के बीच संबंध मधुर रहेंगे।

यह स्मारक शिवाजी पार्क क्षेत्र में स्थित है, जहाँ पहले मुंबई के मेयर का बंगला स्थित था। महापौर का यह ऐत‍िहास‍िक बंगला ग्रेड-2 बी व‍िरासत के तहत आता है। श‍िवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अध्‍यक्षता में बालासाहेब ठाकरे स्‍मारक ट्रस्‍ट संचाल‍ित क‍िया जा रहा है। उद्धव ठाकरे की योजना है कि स्‍मारक में गैलरी, लाइब्रेरी, सेम‍िनार हॉल, व्‍याख्‍यान कक्ष और कई अन्‍य उपयोगी चीजें बनाई जाएँ। बता दें कि यह हेर‍िटेज बंगला 2,300 स्क्वेयर फ़ीट के क्षेत्र में फैला हुआ है। स्‍मारक बनाने के ल‍िए यह बंगला काफी छोटा पड़ रहा था, अंडरग्राउंड फ़ैस‍िल‍िटी के बाद यह स्‍मारक 9,000 स्क्वेयर फीट में फैल जाएगा।

लम्बे समय से भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच मनमुटाव देखने को मिल रहा था। ऐसे में देवेंद्र फड़णवीस सरकार की ओर से इस निर्णय को लिया जाना एक सकारात्मक कदम के तौर पर देखा जा सकता है। शिवसेना काफी लंबे समय से इसकी माँग कर रही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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