महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में राष्ट्रपति शासन और समय पूर्व चुनाव की आहटों के बीच एनसीपी ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी कुछ इसी तरफ इशारा किया था। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने कहा था कि भविष्य में उनकी पार्टी का स्टैंड बदल भी सकता है। अब एनसीपी के मुंबई इकाई के अध्यक्ष नवाब मलिक ने अपनी पार्टी के शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना ने भाजपा के साथ जाने के बाद ही धर्म की राजनीति शुरू की।
नवाब मलिक ने कहा कि अगर शिवसेना भाजपा का साथ छोड़ कर आती है और एनसीपी से समर्थन माँगती है तो पार्टी उसे समर्थन देगी और कॉन्ग्रेस को भी इसके लिए राजी करेगी। नतीजे आने के बाद 12 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद ही चल रही है और कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। नवाब मलिक ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना को 5 साल तक अपमानित किया और अब उसे लग रहा है कि कुंजी एनसीपी के हाथों में है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कॉन्ग्रेस के साथ बात हो जाएगी लेकिन पहले शिवसेना तो फ़ैसला करे।
शिवसेना की विचारधारा को लेकर मुंबई एनसीपी के अध्यक्ष ने कहा कि उनकी विचारधारा आड़े नहीं आएगी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा से अलग होते ही शिवसेना की विचारधारा बदलेगी। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस के भीतर भी शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कोई अंदरूनी विवाद नहीं है। बकौल मलिक, शिवसेना ने मुस्लिमों को आरक्षण देने का भी वादा किया है। उधर शिवसेना ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिनमें एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के नेतृत्व में सरकार गठन की बातें की जा रही थीं।
If BJP-Shiv Sena fail to form government, we’ll seek ways to do so: NCP’S Nawab Malik
— Hindustan Times (@htTweets) November 1, 2019
BJP won 105 seats and Shiv Sena bagged 56 seats in the 288-member assembly. pic.twitter.com/vd1eshRwNz
शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि राज्य में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। सामना के एग्जीक्यूटिव एडिटर राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति बदल रही है और लोग जिसे हंगामा बता रहे हैं, वो न्याय की लड़ाई है। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र का निर्णय महाराष्ट्र में होगा और अंतिम निर्णय उद्धव ठाकरे लेंगे। मीडिया में ये बातें भी चल रही हैं कि शिवसेना मुख्यमंत्री का पद अपने पास रख कर 2 उप-मुख्यमंत्री बना सकती है। कॉन्ग्रेस और एनसीपी के कोटे से एक-एक डिप्टी सीएम होंगे। हालाँकि, अभी कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं और शरद पवार भी चुप ही हैं।