Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजआयुष्मान भारत योजना से ममता बनर्जी ने खींचे हाथ, बंगाल के गरीबों के लिए...

आयुष्मान भारत योजना से ममता बनर्जी ने खींचे हाथ, बंगाल के गरीबों के लिए बड़ा झटका!

आयुष्मान भारत योजना में 40% राशि राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने की बात कही गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयुष्मान भारत योजना में यह रकम देने से इनकार कर दिया है।

केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के वंचितों के लिए कई सारे महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। इन्हीं योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना भी है। मोदी सरकार ने इस योजना को पंडित दिनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर 2018 को देश भर में लागू किया था।

इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य देश के 10 करोड़ परिवार को 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देना है। इस योजना को केंद्र व राज्य दोनों ही सरकारों की मदद से चलाने की बात कही गई है। आयुष्मान भारत योजना में 40% राशि राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने की बात कही गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयुष्मान भारत योजना में यह रकम देने से इनकार कर दिया है।

ममता बनर्जी ने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार आयुष्मान भारत योजना में 40% की राशि नहीं देगी। यदि केंद्र सरकार इस योजना को बंगाल में लागू करना चाहती है तो स्कीम को चलाने के लिए पूरी राशि उन्हीं को देना होगा।”

ममता के इस फ़ैसले का सीधा असर बंगाल के गरीब लोगों पर पड़ेगा। यदि आयुष्मान भारत जैसी महत्वपूर्ण योजना बंगाल में नहीं लागू होती है तो वहां की आम जनता 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं उठा पाएँगे।  

कॉन्ग्रेस ने आयुष्मान भारत योजना को बताया था जुमला

याद होना चाहिए कि आयुष्मान भारत को लेकर सरकार को काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इसे एक जुमला बताया था। तमाम आलोचनाओं के बावजूद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि आयुष्मान भारत की सफलता से यह पता चलता है कि जैसे-जैसे लोगों में इस योजना को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है।

इस योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों की सूची में आधे से ज्यादा निजी अस्पतालों का होना यह बताता है कि ये योजना सिर्फ सरकारी अस्पतालों तक ही सीमित नहीं है। किसी भी जन कल्याणकारी योजना का जब तक अच्छे से प्रचार-प्रसार नहीं किया जाए और जनता तक उसकी पूरी जानकारी नहीं पहुंचाई जाए, तब तक उस योजना के सफल होने की उम्मीद नहीं रहती।

अब जब लोग आयुष्मान भारत को अपना रहे हैं तब ये कहा जा सकता है कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के सही असर दिखने शुरू हो गए हैं। यह एक लॉन्ग टर्म प्लान के आधार पर काम कर रहा है और अभी कई राज्यों में लागू भी नहीं हो पाया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -