भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत कार्यकर्ताओं के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंतजार करते रहे, लेकिन वह कथित किसानों से मिलने प्रदर्शन स्थल नहीं पहुँची और अपना दिल्ली दौरा खत्म कर वापस पश्चिम बंगाल लौट गईं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यूपी गेट पर पहुँचने की सूचना के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारी सुबह से ही सतर्क रहे। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की टीम, बम स्क्वॉयड और डॉग स्क्वॉयड आंदोलन स्थल की लगातार निगरानी करते रहे। हालाँकि, ममता का दौरा रद्द होने के बाद अधिकारियों ने राहत की साँस ली।
प्रदर्शन स्थल पर ममता बनर्जी के नहीं पहुँचने के क्या कारण रहा यह तो स्पष्ट हो पाया है, लेकिन इससे राकेश टिकैत को निराशा हाथ लगी है। इस बारे में जब राकेश टिकैत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आने की कोई जानकारी नहीं थी। जब ममता बनर्जी राकेश टिकैत से नहीं मिलीं तो अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि उन्हें मीडियाकर्मियों से उनके यहाँ आने की सूचना मिली थी। उनकी ओर से कोई न्योता नहीं था। बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी किसान नेताओं से मिलने की इच्छुक नहीं थीं और ना ही उनके कार्यक्रम में ऐसा कोई प्लान था।
बता दें कि यूपी गेट पर बड़ी संख्या में किसान अपनी माँग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं, विपक्षी दलों के नेता भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे चुके हैं। ममता बनर्जी पिछले पाँच दिनों से दिल्ली दौरे पर थीं और विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर ऐंटी बीजेपी फ्रंट तैयार करने की कोशिश में जुटी थीं। चर्चा थी कि शुक्रवार (जुलाई 30, 2021) को ममता यूपी गेट पहुंँचकर बीकेयू नेता राकेश टिकैत से मुलाकात कर सकती हैं। जैसे ही यूपी गेट बॉर्डर पर ममता बनर्जी के आने की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो कई सुरक्षा एजेंसी बॉर्डर पर अलर्ट हो गईं। हालाँकि, ममता बनर्जी किसानों से मिले बिना ही पश्चिम बंगाल रवाना हो गईं।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी की जीत के बाद राकेश टिकैत और कई किसान नेता बंगाल जाकर ममता बनर्जी से मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल चुनाव में कई किसान नेताओं ने ममता बनर्जी के पक्ष में प्रचार भी किया था। अलग-अलग समय पर किसान नेताओं से ममता बनर्जी फोन पर बात करती रहती हैं, लेकिन इस बार दिल्ली आने के बावजूद ममता बनर्जी किसानों और उनके नेताओं से मिलने नहीं पहुँचीं।
उल्लेखनीय है कि बंगाल चुनाव से पहले नरेश टिकैत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को धमकी दी थी कि उसकी पार्टी के कैंडिडेट्स के ख़िलाफ़ किसान पश्चिम बंगाल की ओर कूच करेंगे। अयोध्या में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था, “हम भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करेंगे। हम पश्चिम बंगाल के लोगों से भाजपा को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल को वोट देने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि यह झूठे वादों पर चुनाव जीतते हैं।”
बता दें कि ममता बनर्जी ने 5 दिन के दौरे पर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित विपक्ष के कई नेताओं से मिलीं तो एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से फोन पर बात की। ममता ने विपक्षी नेताओं के साथ 2024 में बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए रणनीति बनाई। हालाँकि, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी उन्होंने मुलाकात की।