पाँच बार उच्च सदन के सदस्य रह चुके पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मौजूदा 6 साल का कार्यकाल 14 जून को पूरा हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 2 सीटों को भरने के लिए 7 जून को प्रदेश में चुनाव की घोषणा की है, लेकिन इस बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सदस्य के रूप में राज्यसभा में वापसी की संभावना बहुत कम है।
The former PM is a Rajya Sabha member from Assam, where the Congress does not have the numbers in the Assembly to secure a win for him.https://t.co/lQJ91sthu6
— Swarajya (@SwarajyaMag) May 16, 2019
दरअसल, असम में भाजपा की सरकार सत्ता में हैं। इसके कारण कॉन्ग्रेस पार्टी के पास उन्हें फिर से उच्च सदन में भेजने के लिए विधानसभा में अपेक्षित संख्याबल नहीं है। कॉन्ग्रेस के पास 126 सदस्यीय असम विधानसभा में केवल 25 विधायक हैं, जबकि सीट हासिल करने के लिए उनको कम से कम 43 वोटों की आवश्यकता है। हालाँकि पार्टी को सदन में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के 13 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन फिर भी ये संख्या 38 ही हो पाती है।
Former Prime Minister Manmohan Singh may stay out of the Rajya Sabha Member for some time https://t.co/SjgNZjMPjS
— kbarora (@kunjbihariarora) May 16, 2019
कॉन्ग्रेस पार्टी मनमोहन सिंह को कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सीटों के जरिए भी राज्यसभा नहीं भेज सकती है क्योंकि इस समय इन राज्यों में भी पद रिक्त नहीं हैं। हालाँकि पार्टी के पास पूर्व प्रधानमंत्री को तमिलनाडु के माध्यम से उच्च सदन में भेजने का विकल्प है जहाँ जुलाई में रिक्तियाँ होंगी क्योंकि राजसभा के 6 सदस्य 24 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
अब ऐसे में अगर मनमोहन सिंह को तमिलनाडु से जुलाई में मैदान में नहीं उतारा जाता है, तो राजयसभा तक पहुँचने के लिए उन्हें अप्रैल 2020 तक इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि तब कॉन्ग्रेस शासित राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से 55 सदस्य रिटायर हो जाएँगे। देखना है कि कॉन्ग्रेस पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री को उच्च सदन में पहुँचाने के लिए क्या फैसला लेती है।
फिलहाल मीडिया खबरों के मुताबिक असम सीट पर ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा खाली होने वाली 2 सीटों में से एक सीट की पेशकश केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता रामविलास पासवान को कर सकती है।