बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने आज कॉन्ग्रेस पर आरोप लगाया कि वह देश के भीतर साम्प्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दे रही है जिससे साम्प्रदायिक ताकतों के ख़िलाफ़ बोलने वाली आवाज़ों को कमज़ोर करने में लगी हुई है।
अपने ट्विटर हैंडल से मायावती ने लिखा, “कॉन्ग्रेस पार्टी की दोग़ली नीति की वजह से ही देश में ‘साम्प्रदायिक ताकतें’ मजबूत हो रही हैं, क्योंकि कॉन्ग्रेस पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों को कमजोर करने के बजाए, इसके विरूद्ध आवाज उठाने वाली ताकतों को ही ज्यादातर कमजोर करने में लगी है। जनता सावधान रहे।”
कांग्रेस पार्टी की दोग़ली नीति की वजह से ही देश में ’‘साम्प्रदायिक ताकतें’’ मजबूत हो रही है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों को कमजोर करने के बजाय, इसके विरूद्ध आवाज उठाने वाली ताकतों को ही ज्यादातर कमजोर करने में लगी है। जनता सावधान रहे।
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2019
ऐसा लगता है जैसे उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को यह बात हज़म नहीं हो पा रही है कि राजस्थान में उनके सभी छ: विधायकों ने फिर से कॉन्ग्रेस का हाथ थाम लिया। उन्होंने 2009 में अशोक गहलोत की सरकार के दौरान भी ऐसा ही किया था। कल भी मायावती ने एक रैली में कॉन्ग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया।
बता दें कि मायावती ने राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद घोषणा की थी कि उनकी पार्टी सरकार से बाहर रहेगी, लेकिन बाहरी समर्थन देगी। उन्होंने ट्विटर पर कॉन्ग्रेस पार्टी के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अख़्तियार किया। बावजूद इसके बसपा अपने दो विधायकों के साथ मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार को अपना समर्थन जारी रखे हुए है।
हाल के दिनों में, बसपा सुप्रीमो कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रति अपने प्रतिशोध को लेकर काफ़ी मुखर हैं। उन्होंने हाल ही में कॉन्ग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराया था और उन्हें जम्मू-कश्मीर की समस्याओं का मूल कारण बताया था।
इससे पहले भी, मायावती ने कश्मीर की यात्रा पर कॉन्ग्रेस और विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि वहाँ के हालात सामान्य होने तक इंतज़ार किया जाना चाहिए और इसके लिए सरकार को कुछ समय देना चाहिए था।
विशेष रूप से, कर्नाटक संकट के दौरान, बसपा सुप्रीमो ने कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन को नाकाम कर दिया था और उन्होंने बसपा विधायक को विश्वास मत से अलग रहने को कहा था।