एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद से ही विपक्ष के नेताओं में सिमटते जनाधार को लेकर चिंता का माहौल है। पहले ममता बनर्जी ने सर्वेक्षणों को ही ‘गॉसिप’ करार दिया, और अब मायावती ने अपनी संभावित हार के लिए बलि के बकरे तलाशने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के पूर्व ऊर्जा मंत्री और विधानसभा में पार्टी के विधायक दल के सचेतक (व्हिप – whip) रामवीर उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर पार्टी-विरोधी गतिविधियों में भागीदारी का आरोप लगाया गया है।
मिले थे गले, भाई पहले से भाजपाई
सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले भाजपा के आगरा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल को गले लगाते हुए रामवीर उपाध्याय की तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुई थी। हालाँकि रामवीर उपाध्याय ने सफाई दे दी थी कि बघेल उनसे रास्ते में ‘टकरा’ गए थे और उन्होंने शिष्टाचारवश कुशल-क्षेम पूछा था, लेकिन अटकलबाजियों का दौर शुरू हो ही गया था। इससे पहले पिछले वर्ष रामवीर के भाई मुकुल उपाध्याय पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
मायावती के माने जाते थे करीबी
पार्टी महासचिव मेवालाल गौतम की ओर से कभी मायावती के करीबी माने जाने वाले रामवीर उपाध्याय को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कि उन्हें पहले भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में भागीदारी को लेकर सचेत किया गया था। इसके बावजूद आगामी लोकसभा के निर्वाचन के समय कई सीटों पर, जिनमें आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़ शामिल हैं, न केवल उन्होंने पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन नहीं किया बल्कि विरोधी पार्टियों के उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन किया। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित किया जाता है। उनसे प्रदेश विधानसभा में पार्टी के विधायक दल के मुख्य सचेतक (व्हिप) के पद से भी पदमुक्त कर दिया गया है। साथ ही, वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम, मीटिंग आदि में भी हिस्सा लेने के अधिकारी नहीं होंगे।