पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती आए दिन अपने बयानों से विवादों में घिर जाती हैं। आज फिर उनका एक बयान सामने आया, जिसमें एक बार फिर वो केंद्र को घेरने की कोशिश में दिखीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ज़रिए राज्य में आग से खेलने का प्रयास कर रही है। राज्य की मुस्लिम बहुल चरित्र को तोड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यपाल को माध्यम बनाकर जो भी निर्णय ले रही है, वो राज्य के लोगों और उनके हितों के ख़िलाफ़ है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संवाददाताओं से मुख़ातिब होते हुए उन्होंने कहा, “पूरे देश और केंद्र को स्वीकार करना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है और बड़े समुदाय के साथ-साथ अल्पसंख्यकों की भी भावनाओं का ख़्याल रखते हुए निर्णय लिए जाने चाहिए।”
बीजेपी के ख़िलाफ़त में महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि उन्होंने (बीजेपी) न सिर्फ़ पीर पंजाल और चेनाब को अनदेखा करके एक डिविज़न का गठन किया बल्कि इसके मुख्यालय के चयन में भी भेदभाव किया। करगिल के लिए लेह श्रीनगर से ज़्यादा दूर है।
बता दें कि राज्य प्रशासनिक परिषद ने पिछले सप्ताह ही राज्य में एक अलग डिविज़न लद्दाख का गठन किया था और लेह को इसका मुख्यालय बनाया था। इसका करगिल में विरोध भी हुआ था। इसके पीछे मुफ़्ती ने बीजेपी का हाथ होने की संभावना जताई।
महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, ”हम राज्य में अब लिए जा रहे निर्णयों में केन्द्र सरकार का हाथ देख रहे हैं, यह एजेंडा लगता है। जिसे हमने बीजेपी को लागू करने नहीं दिया (जब पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार सत्ता में थी) वह अब राज्यपाल के ज़रिए लागू किया जा रहा है। इसके कारण करगिल में एक विस्फोटक स्थिति हुई, हालाँकि यह एक शांतिपूर्ण इलाक़ा है।”