कॉन्ग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने मध्यम वर्ग को ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहने को कहा है। यह टैक्स राहुल गाँधी की महत्वाकांक्षी समाजवादी योजना ‘न्याय’ के लिए आर्थिक बंदोबस्त करने के लिए लगेगा। साथ ही उन्होंने मध्यम वर्ग की इस योजना को लेकर टैक्स बढ़ने की आशंका को ‘स्वार्थी’ भी करार दिया।
बता दें कि राहुल गाँधी ने इस योजना के तहत गरीबों को ₹72,000 प्रति वर्ष देने का वादा किया था। उसके बाद इसके अमल को लेकर जहाँ कॉन्ग्रेस नेताओं के बयानों में आपसी विरोधाभास रहा है, वहीं मध्यम वर्ग से लेकर भाजपा तक इस योजना की आलोचना कर इसे माध्यम वर्ग पर आर्थिक बोझ बढ़ाने वाली करार दे रहे हैं। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविन्द पानगढ़िया ने तो इस योजना का खर्च भारत के रक्षा बजट से भी ज्यादा पहुँच जाने की आशंका जताई है।
Arvind Panagariya, former Vice Chairman of NITI Aayog on NYAY (Nyuntam Aay Yojana): If you are giving Rs 72,000 per annum to 5 crore families then there will be an expense of Rs 3.6 Lakh Crore – this is 13% of the total budget of central govt. (01.04.2019) (1/2) pic.twitter.com/NVnyoFlhVX
— ANI (@ANI) April 2, 2019
Guilt-tripping है कॉन्ग्रेस की चुनावी रणनीति?
India Ahead News नामक समाचार पोर्टल के संवाददाता से बात करते हुए सैम पित्रोदा ने यह बात कही। साथ ही उनका मध्यम वर्ग की टैक्स बढ़ने की चिंता को ‘स्वार्थी’ कहना मध्यम वर्ग की ग्लानि-ग्रंथि को जगाने की कोशिश (guilt-tripping) प्रतीत होता है।
वामपंथ और समाजवाद में इस नीति को काफी प्रभावी माना जाता है और लोकतान्त्रिक देशों में लोकतान्त्रिक तरीके से कम्युनिज्म (साम्यवाद) के एजेण्डे की राजनीति करने वाली पार्टियाँ अक्सर इसका प्रयोग करतीं हैं।
उन्होंने हालाँकि बढ़े टैक्स की कड़वी गोली को मीठा करने के लिए और रोजगार और संभावनाओं का वादा किया, और मोदी-राज में नौकरियों के न होने का कॉन्ग्रेस का दावा भी दोहराया, पर यह रोजगार और संभावनाएँ कॉन्ग्रेस कहाँ से बढ़ाएगी, इसका उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
@RahulGandhi close aide @sampitroda says that TAXES MAY GO UP to fund #NYAYForIndia and other schemes in @INCIndia manifesto. He says middle class will need to tighten belt to help the poor. Full interview exclusively tonight 10 pm @IndiaAheadNews Here’s an excerpt. pic.twitter.com/3Hn4AAzyyl
— Jujhar Singh (@jujharsingh111) April 3, 2019
अभिजित बनर्जी भी यह कह चुके हैं
कॉन्ग्रेस की न्याय योजना का खाका खींचने में महत्वपूर्ण सलाह देने वाले MIT, अमेरिका के अर्थशास्त्री अभिजित बनर्जी भी यह बात पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि कॉन्ग्रेस की यह स्कीम टैक्स बढ़ाने पर टिकी है।
टीवी समाचार चैनल Times Now के टीवी डिबेट में अभिजित ने न केवल टैक्स बढ़ाने की वकालत की थी, बल्कि आवश्यकता होने पर महँगाई बढ़ा कर भी इस योजना के लिए पैसा जुटाए जाने का भी संकेत दिया था।
Nothing’s viable without raising taxes: Abhijit Banerjee, Economist (NYAY Advisor) while speaking to @RShivshankar | #NyayKaSach pic.twitter.com/AdZSGQFmVd
— TIMES NOW (@TimesNow) March 29, 2019
निजी कहकर खारिज करना मुश्किल होगा
अन्य सभी राजनीतिक दलों की भांति कॉन्ग्रेस भी अकसर अपने नेताओं के विवादित बयानों को निजी कहकर उनसे किनारा कर लेती है- शशि थरूर का प्रधानमंत्री मोदी को ‘शिवलिंग पर बैठा बिच्छू’ कहना, दिग्विजय सिंह का 26/11 में आरएसएस के हाथ का आरोप लगाना, मणि शंकर अय्यर का मोदी को हराने की गुजारिश पाकिस्तान से करना आदि। पर पित्रोदा के इस बयान से पल्ला झाड़ना कॉन्ग्रेस के लिए दो कारणों से मुश्किल हो सकता है- पित्रोदा कॉन्ग्रेस की घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति के सदस्य हैं।