उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सांसद और अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अमेज़न प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ को लेकर आपत्ति जताई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस वेब सीरीज के जरिए इस क्षेत्र को हिंसक बताते हुए इसे बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिर्जापुर विकास के पथ पर अग्रसर है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मिर्जापुर समरसता का केंद्र है, लेकिन जिले के नाम पर वेब सीरीज बना कर जातीय वैमनस्य फैलाया जा रहा है। बता दें कि ‘मिर्जापुर’ में यूपी की सीएम बनने से पहले माधुरी नामक किरदार एक डायलॉग बोलती है कि वो यादव की बेटी है और ब्राह्मण परिवार की बहू, इसीलिए उनके पार्टी को संभालने से इन दोनों ही जातियों में अच्छा सन्देश जाएगा। फिल्म में सारे गुंडे-बदमाशों को ब्राह्मण ही दिखाया गया है।
सांसद ने कहा कि मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र की सांसद होने के नाते वो माँग करती हैं कि इस वेब सीरीज की जाँच होनी चाहिए और इसके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। मिर्जापुर में ‘अपना दल’ के कई अन्य नेता भी वेब सीरीज में इलाके का नाम खराब किए जाने को लेकर खफा हैं। फ़िलहाल यहाँ से विंध्यवासिनी मंदिर के वरिष्ठ पुजारी रत्नाकर मिश्रा भाजपा से विधायक हैं, जिन्हें पार्टी ने बिहार चुनावों में लगा रखा है।
मिर्ज़ापुर ज़िले की सांसद होने के नाते मेरी माँग है कि इसकी जाँच होनी चाहिए और इसके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए @PrakashJavdekar @narendramodi @myogiadityanath
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) October 24, 2020
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‘अमेज़न प्राइम वीडियोज’ ने बृहस्पतिवार (अक्टूबर 22, 2020) को अपनी बहुचर्चित वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का दूसरा सीजन 10 एपिसोड्स के साथ लाइव किया था। इसे तय समय से 3 घंटे पहले ही लाइव किया गया। इसमें अली फजल और दिव्येंदु शर्मा मुख्य किरदारों में हैं लेकिन दूसरे सीजन को कालीन भइया यानी, पंकज त्रिपाठी के नाम पर ही बेचा गया। सीजन-2 में विजय वर्मा को 2 जुड़वाँ किरदारों के रूप में एंट्री दी है, जो ‘बिहार के गुंडे’ होते हैं।
पहले सीजन की तरह ‘मिर्जापुर’ का दूसरा सीजन भी गालियों से भरा पड़ा है, जहाँ गालियाँ न सिर्फ गुस्से में दी जाती है, बल्कि ये भी दिखाया गया है कि यूपी-बिहार के युवक आपस में बातचीत करते हुए मजाक में भी एक-दूसरे के माँ-बाप और परिवार को माँ-बहन की गालियाँ बकते हैं। अश्लीलता के प्रदर्शन में भी कोई कमी नहीं रखी गई है। हाँ, ‘वफादार’ मुस्लिम किरदारों का महिमामंडन ज़रूर जारी रखा गया है।