सरकारी सूत्रों के अनुसार संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फ़रवरी के बीच आयोजित किया जाएगा और 1 फ़रवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) में यह फैसला लिया गया है। यह बजट सत्र इस कारण भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होने के कारण यह वर्तमान लोकसभा के लिए आखिरी बजट सत्र है और सरकार कुछ ज़रूरी घोषणाएँ भी कर सकती है।
Sources: Interim budget to be presented on February 1 during the budget session of the parliament. The budget session of the Parliament to be held from 31st January to 13th February. The decision was taken in the meeting of the Cabinet Committee on Parliamentary Affairs (CCPA) pic.twitter.com/yVhacU9TCs
— ANI (@ANI) January 9, 2019
क्योंकि यह बजट सत्र लोकसभा चुनावों से ठीक पहले होगा, इसलिए आम आदमी की निगाह सरकार की ओर रहने वाली है। मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार कुछ ऐसे विधेयक पास कराने में सफल रही है, जो जनता के लिए बेहद चौंकाने वाले थे। इसमें, सरकार सामान्य श्रेणी के गरीबों के लिए 10% आरक्षण का 124वाँ संविधान संशोधन विधेयक ला चुकी है, जिसे लोकसभा में पारित किए जाने के बाद राज्यसभा में पारित किया जाना बाकी है। इसके अलावा, नागरिक संशोधन विधेयक को पास किया जाना भी एक बहुत बड़ी चुनौती साबित हुई है, हालाँकि सरकार ने इसे सदन में पारित कर दिया है।
पिछले सत्र की तरह ही विपक्ष इस बजट सत्र में भी व्यवधान डालकर सत्र का समय ख़राब करने की पूरी कोशिश कर सकता है। आख़िरी वर्ष के बजट सत्र में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर विपक्ष पहले भी समय बर्बाद कर चुका है। सरकार अन्य लंबित मामलों को इस सत्र में लाने का प्रयास करेगी, इसलिए यह देखना होगा कि विपक्ष सरकार के क्रियाकलापों में बाधा डालने की फिर से कोशिश करता है या नहीं?
जिस वर्ष लोकसभा चुनाव होते हैं उसमें मौजूदा सरकार ही अंतरिम बजट पेश करती है, बाद में नई सरकार पूरा बजट पेश करती है। फरवरी 2014 में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अंतरिम बजट पेश किया था, इसके बाद जुलाई में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में पूरा बजट लाए थे।