दिल्ली विधानसभा में 61.71 फीसदी वोटिंग हुई। अधिक वोटिंग वाली टॉप 5 सीट में मुस्लिम बहुल या फिर रिजर्व सीटें शामिल रही। सबसे अधिक मतदान दिल्ली के सीलमपुर में हुआ जहाँ CAA विरोध में खूब बबाल हुआ था। आज तक और न्यूज 18 की खबर के मुताबिक दिल्ली में सबसे अधिक वोटिंग मुस्लिम बहुल इलाके में हुई और उनके वोट आम आदमी पार्टी के खाते में गए। इनके अनुसार दिल्ली में एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने जा रही है।
आज तक की खबर के मुताबिक दिल्ली के 69 फीसदी मुस्लिमों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया, वहीं 15 फीसदी मुस्लिमों ने कॉन्ग्रेस को, 9 फीसदी ने बीजेपी को और 7 फीसदी ने अन्य उम्मीदवारों को वोट दिया। वहीं न्यूज 18 ने बताया कि सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत अल्पसंख्यक बहुल सीलमपुर में 71.4% रही। जहाँ CAA के विरोध में खूब बबाल हुआ था। और यहाँ की दूसरी सीट मुस्तफाबाद है जहां 70.55% फीसदी वोटर निकले। वहीं तीसरे नंबर पर बाबरपुर रहा, जहाँ 65.4% मुस्लिमों ने वोट डाला।
अल्पसंख्यकों और रिजर्व सीटों पर अधिक वोटिंग को सीधे तौर पर चुनाव विश्लेषक आम आदमी पार्टी के लिए फायदे का सौदा बता रहे हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम सीटों का वोटर एकतरफ वोट करता है। अभी तक का आँकलन यही बता रहा है कि मुस्लिम वोटर्स AAP की तरफ गया है। इसी तरह से रिजर्व सीट की बात करें तो वहाँ भी AAP प्रत्याशी की बढ़त है। मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की सीट सीमा पुरी जो मुस्लिम बहुल होने के साथ रिजर्व भी है, यहाँ 68.08 फीसदी मतदान हुआ है। पुरानी दिल्ली के मटियामहल इलाके में 68.36 फीसदी मतदान हुआ तो वहीं शाहदरा में 65.78% वोट डले। चाँदनी चौक में 60.91%, रिठाला में 59.62% और ओखला में 58.83% लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया।
सेफोलॉजिस्ट यशवंत देशमुख ने भी CNN News18 से कहा कि दिल्ली में दलित, गृहणियों और अधिकतर मुस्लिम वोट बैंक के केजरीवाल के पक्ष में जाने से एक मजबूत वोटबैंक तैयार हो गया। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी के लिए फ्री बिजली, फ्री पानी और मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाओं ने काफी सकारात्मक माहौल तैयार किया। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कि लोग केंद्र में मोदी और दिल्ली में केजरीवाल को देखना चाहते हैं।