महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार (दिसंबर 11, 2019) को कैबिनेट की बैठक में नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस वे का नाम बाला साहेब ठाकरे के नाम पर करने का फैसला किया है। इसके अलावा इस बैठक में राजमार्ग को लेकर कई अन्य घोषणाएँ भी की गई हैं। इन फैसलों में समृद्धि राजमार्ग हेतु लिए जाने वाले लोन के भार को कम करने के लिए 3500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी आवंटित करने का फैसला भी शामिल है।
कैबिनेट बैठक के बाद पूर्व पीडब्ल्यूडी के मंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि पूरे परियोजना में लगभग ₹55,335 करोड़ की लागत आने की संभावना है, जबकि इसका निर्माण कार्य आने वाले तीन सालों में पूरा होने का अनुमान है।
Maharashtra Cabinet has decided to name Nagpur-Mumbai Samruddhi expressway after Shiv Sena founder Bal Thackeray.
— ANI (@ANI) December 11, 2019
जानकारी के मुताबिक इस परियोजना में राज्य की मौजूदा शेयर पूंजी ₹27335 करोड़ है। जिसमें महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम से ₹3500 करोड़, सार्वजनिक उपक्रमों से ₹5500 करोड़, ₹2414 करोड़ खनिजों में रॉयल्टी माफ के रूप में, और ₹6396 करोड़ निर्माण के दौरान लोन के ऋण के रूप में भुगतान करना है। इसके अलावा भूमि की कीमत के रूप में ₹9,525 करोड़ हैं, जिसमें मुआवजा भी शामिल है।
इस निर्माण कार्य पर वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि सरकार बाकी का पैसा बैंक लोन के जरिए लेने का विचार कर रही है। लेकिन जितना ज्यादा लोन होगा, उतना ही उस पर ब्याज होगा। इस कारण इस काम के सफलतापूर्वक समाप्त होने पर सवालिया निशान हैं। इसलिए सरकार ने अपनी ओर ब्याज का भार कम करने के लिए ₹3500 करोड़ आवंटित किए हैं।
उल्लेखनीय है कि 701 किमी लंबे इस सुपर एक्सप्रेस वे के बनने के बाद मुंबई से नागपुर की दूरी को 9 घंटे से कम में पूरा किया जा सकेगा। यानी मुंबई से नागपुर यात्री 150 किमी की रफ्तार से जा सकेंगे और जिस यात्रा में उन्हें 15 घंटे गुजारने पड़ते थे, वो समय लगभग आधा हो जाएगा।
बता दें कि प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में पूर्व सरकार इस राजमार्ग का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखना चाहती थी। लेकिन, शिवसेना की इच्छा पहले भी इसे बाला साहेब के नाम पर करने का था। और, एकनाथ शिंदे ने तब भी कहा था कि दिवंगत शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे का सपना था कि महाराष्ट्र में द्रुतगति से महामार्गों का जाल फैले। ऐसे में बुधवार को राजमार्ग का नाम शिवसेना संस्थापक के नाम पर होने के बाद भी शिंदे ने कहा कि बाला साहेब के महाराष्ट्र के लिए योगदान को देखते हुए राजमार्ग का नाम उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सीएम समेत सभी मंत्रियों ने मंजूर कर लिया।