अलीगढ़ में एक समुदाय विशेष के परिवार की पिटाई का मामला तूल और राजनीतिक रंग पकड़ने लगा है। दो दिन पहले रेलवे स्टेशन पर हुए इस वाकये में पीड़ित परिवार ने समुदाय विशेष से होने के नाते पीटे जाने का दावा किया है, वहीं पुलिस ने दावा किया है कि ट्रेन से उतरने को लेकर हुए विवाद में झड़प हुई है। वहीं मामले में कूदते हुए AMU छात्रसंघ के अध्यक्ष ने विवादास्पद बयान दिया है कि जैसे आज अलीगढ़ में हुआ है, आने वाले समय में वैसी ही घटनाओं से पूरा भारत जलेगा। इंडिया टुडे ने इस झड़प के पीछे समुदाय विशेष के परिवार के ट्रेन से उतरने और हमलावरों की पहले चढ़ने की ज़िद को कारण बताया है, वहीं कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में इसे सीट को लेकर हुआ विवाद बताया जा रहा है।
25 आदमी गमछाधारी, पुलिस बना रही थी वीडियो
पीड़ितों का आरोप है कि उनके स्टेशन पर उतरते ही करीब 25 गमछा पहने हुए लोगों ने उन्हें घेर कर उनके साथ मार-पीट शुरू कर दी। उनका कहना है कि वे सभी हमलावर एक जैसा गमछा ही पहने थे, और एक ही जैसे पहचानपत्र लिए हुए थे, अतः सम्भव है कि वे सभी एक ही संगठन के हों। इसके अलावा घायलों का दावा है कि वहाँ मौजूद पुलिसवाला अपने मोबाइल से घटना का वीडियो बनाने में व्यस्त था, और उसने कोई सहायता नहीं की। उन लोगों के चले जाने के बाद घायलों को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
‘ट्रेन से उतरने को लेकर हुआ झगड़ा’
वहीं जीआरपी के इंस्पेक्टर ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया है कि मामला मज़हबी हिंसा का नहीं, आपसी विवाद का है। घायलों और कुछ सहयात्रियों के बीच ट्रेन से उतरने को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद वह हिंसा में बदल गया। घायलों और परिवारजनों के बयानों को रिकॉर्ड करने के बाद आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा डिप्टी एसपी ने भी इसे अभी तक भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) का मामला मानने से इंकार कर दिया है।
AMU छात्र संघ, AIMIM कूदे मैदान में
मामले में AMU का छात्र संघ और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी कूद पड़े हैं। AMU छात्र संघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज़ ने कहा, “आज यह घटना अलीगढ़ में हुई है, लेकिन कल इस तरह की घटनाओं से पूरा देश जलेगा। इस देश के कुछ लोग हिटलर के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और वे देश की वैसी ही हालत करना चाहते हैं, जैसा हिटलर के कार्यकाल के दौरान जर्मनी हो गया था।”
इसके अलावा खुद को AIMIM की उत्तर प्रदेश युवा विंग का अध्यक्ष बताने वाले सैयद नाज़िम अली ने भी मामले में मीडिया से बात करते हुए इसे मज़हबी घटना करार दिया है। अपनी फेसबुक वॉल पर भी उन्होंने इस घटना को “अलीगढ़ स्टेशन पे भगवाई गुंडों के द्वारा मज़लूमों की पिटाई” करार दिया है।