दिल्ली बीजेपी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को जिस तरह से पंजाब की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस पर अब केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। बग्गा के साथ किए गए व्यवहार पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पंजाब के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है। केंद्रीय आयोग ने पंजाब सरकार से इस मामले में 7 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
The @NCM_GoI has issued a suo moto Notice to the Govt.of Punjab seeking a report in the incident of not allowing @TajinderBagga to wear Turban during his arrest by Punjab Police.
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) May 7, 2022
Commission has mentioned that it’s a serious case of violation of religious rights of a Sikh Person. pic.twitter.com/2LLwK6tByu
कमीशन द्वारा जारी किए गए लेटर के मुताबिक, एनसीएम एक्ट 1992 के तहत आयोग अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मुताबिक, पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा की गिरफ्तारी के दौरान उन्हें पगड़ी तक नहीं पहनने देने की मीडिया रिपोर्टों पर ये एक्शन लिया गया है। आयोग का कहना है कि इस तरह के कार्य एक सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है। ये पत्र भारत सरकार के संयुक्त सचिव ए धनलक्ष्मी द्वारा लिखा गया है।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को शुक्रवार (6 मई 2022) अल सुबह पंजाब पुलिस के 50 जवानों ने दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद बग्गा के पिता ने जनकपुरी थाने में पंजाब पुलिस के खिलाफ बग्गा के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई।
बग्गा के पिता ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया था, “पहले मेरे घर में 2 पुलिसकर्मी घुसे। वो मुझ से सामान्य ढंग से बात कर रहे थे। उस समय घर पर तेजिंदर और उनके अलावा कोई नहीं था। उसी समय तेजिंदर कपड़े पहन कर बाहर आए। थोड़ी बातचीत के बाद कई पुलिसकर्मी मेरे घर में जबरन घुस गए। उनके इस काम की मैं वीडियो बनाने लगा। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी मुझे खींच कर कमरे की तरफ ले गया और मुझ से हाथापाई की।”
उनके पिता ने आगे बताया, “इसके बाद वो तेजिंदर को खींच कर बाहर ले गए और हिरासत में ले लिया। पुलिसकर्मियों ने बग्गा को उनकी पगड़ी तक नहीं पहनने दी, जबकि उसने इसे पहनने की गुजारिश की। पुलिसवाले बग्गा का फोन भी अपने साथ ले गए।”
हालाँकि, दिल्ली पुलिस के कहने पर हरियाणा में पंजाब पुलिस को रोक लिया गया और बाद में दिल्ली पुलिस कुरुक्षेत्र गई औऱ उन्हें वापस लाई।