‘जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP)’ से राज्यसभा सांसद के रूप में हाल ही में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले नज़ीर अहमद लावे ने कहा है कि जम्मू कश्मीर पर सिर्फ 2 पार्टियों ने मिल कर आतंकवाद थोपा। उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्लाह की ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ और कॉन्ग्रेस पार्टी ने मिल कर जम्मू कश्मीर को आतंकवाद के रास्ते में झोंक दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों की गलतियों का खामियाजा आज भी जनता भुगत रही है।
उन्होंने कहा कि अब तक हजारों मासूम बेगुनाह इसकी भेंट चढ़ चुके हैं। उन्होंने ‘दैनिक जागरण’ से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में जम्मू कश्मीर ने अपने हजारों नौजवानों को खो दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को इसकी बड़ी कीमत अदा करनी पड़ रही है। नज़ीर ने कहा कि इन दोनों पार्टियों के किए का फायदा पाकिस्तान ने उठाया। यही आतंकवाद की वजह है।
बकौल PDP नेता नज़ीर अहमद लावे, इन्हीं कारणों से देश और दुनिया का जम्मू कश्मीर के प्रति नजरिया बदल गया। उन्होंने नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें हमेशा सम्मान दिया है और जब भी सदन में या पीएम के सामने व्यक्तिगत रूप से कोई बात रखने का मौका मिला तो उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया है। उन्होंने पीएम मोदी को जानकारी दी कि जम्मू कश्मीर बेहद ही गरीब राज्य है। उन्होंने कहा,
“जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने, अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य के विभाजन से वहाँ के लोग विकास की दौड़ में और पीछे हो गए हैं। इस फैसले का अब तक कोई फायदा सामने नहीं आया है और आएगा भी नहीं। ये सबसे बड़ा नुकसान वहाँ की जनता को हुआ है। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों की भावनाएँ जुड़ी हैं। मैंने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए मजबूती से अपनी बात उठाई थी।”
Nazir Ahmed Laway delivers farewell speech in Rajya Sabha
— Take One Digital Network (@takeonedigital) February 9, 2021
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उन्होंने कहा कि उनकी मुहिम विफल रही। महबूबा मुफ़्ती की पार्टी के पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने संविधान की मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत ही अपनी बात उठाई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को दोबारा सही समय पर राज्य का दर्जा देने का वादा किया है, लेकिन ऐसा किया ही क्यों गया? उन्होंने पीएम मोदी को ‘आदरणीय’ बताते हुए कहा कि वो हमेशा गंभीरता से उनकी बातों को सुनते थे।
बता दें कि इस संसद सत्र में गुलाम नबी आज़ाद, शमशेर सिंह, नज़ीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फयाज राज्यसभा से रिटायर हुए हैं। पीएम मोदी ने भी चिंता जताई थी कि गुलाम नबी आज़ाद के बाद इस पद को जो भी नेता संभालेंगे, उन्हें उनसे मैच करने में काफी दिक्कत होगी। उन्होंने कहा था कि आज़ाद अपने दल के साथ-साथ अपने देश और सदन की भी चिंता करते थे। उन्होंने इस दौरान उस आतंकी हमले को भी याद किया, जिसमें 8 गुजराती पर्यटकों की मौत हो गई थी।