जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच पिछले कुछ महीनों से काफी नज़दीकियाँ देखी जा रही थी। दोनों साथ में मंच साझा करते और एक दूसरे के पक्ष में बोलते नज़र आ रहे थे जिसको लेकर ये कयास लगाया जा रहा था कि तेजस्वी, कन्हैया कुमार को गठबंधन में शामिल करेंगे या टिकट देंगे। लेकिन बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों के बँटवारे के साथ ही ये साफ हो गया कि महागठबंधन ने कन्हैया को दूध में गिरी मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया। महागठबंधन ने कन्हैया को 3 साल चुनावी मंच पर परफ़ॉर्म करवाकर आगे का रास्ता दिखा दिया है।
महागठबंधन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) को भी जगह नहीं मिली। लिहाज़ा कन्हैया कुमार का राजनीतिक भविष्य अंधेरे में जाता दिख रहा है। दरअसल कन्हैया सोच रहे थे कि आरजेडी के नेतृत्व में महागठबंधन में सीपीआई शामिल होगी और उनको आसानी से लोक सभा का रास्ता मिल जाएगा। मगर क्रिकेट की तरह राजनीति भी अनिश्चितताओं का खेल है, जहाँ कई बार वह नहीं होता जिसकी उम्मीद की जाती है।
सीपीआई ने पहले ही कन्हैया कुमार को बेगूसराय से उम्मीदवार घोषित कर दिया था, तो अब ऐसे में बेगूसराय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है। एक तरफ आरजेडी बेगूसराय सीट से तनवीर हसन को मोर्चे पर उतारेगी, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से गिरिराज सिंह को उतारा जाएगा। इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच में से बेगूसराय सीट निकाल पाना कन्हैया के लिए काफी मुश्किल होगा।
बिहार के महागठबंधन में सीपीआई को शामिल नहीं किए जाने पर पार्टी के महासचिव सुधाकर रेड्डी ने दुख जताते हुए कहा कि इस मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद से सहमति कायम होने के बावजूद उन्होंने इस पर अमल नहीं किया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में महागठबंधन के बीच सीटों के बँटवारे का ऐलान हो गया है। आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राजद 20, कॉन्गेस 9, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को 5, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 3 और मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 3 सीटें दी गई है।
इस बीच कुछ विवादित सीटों को लेकर मामले सुलझाने की कोशिश की जा रही है। माले और रालोसपा, काराकाट सीट के लिए अड़े हुए हैं। वहीं वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी दरभंगा सीट चाहते है, जबकि कॉन्ग्रेस इस सीट पर कीर्ति आजाद को उतारना चाहती है। इसके साथ ही खबर है कि भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा 24 मार्च को कॉन्ग्रेस में शामिल हो सकते हैं और पार्टी की तरफ से उन्हें पटना साहिब सीट से उतारा जा सकता है। हालाँकि पहले शत्रुघ्न सिंहा के राजद में शामिल होने की खबरें आ रही थी। वहीं शरद यादव राजद की टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़ेंगे। राजद एवं कॉन्ग्रेस के बीच चार या पाँच सीटों को लेकर मामला फंसा हुआ है। जिस पर सहमति बनने के बाद दूसरे फेज में इसकी घोषणा की जाएगी।