दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के सांसद व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई से राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (21 सितंबर, 2021) को अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा को ED द्वारा भेजे गए समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। TMC को इस फैसले के बाद झटका लगा है।
दिल्ली उच्च-न्यायालय अब सोमवार (27 सितंबर, 2021) को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा। कथित कथित कोयला खुदाई घोटाला मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ED से तीन दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। केंद्रीय जाँच एजेंसी के समन के खिलाफ अभिषेक व रुजीरा बनर्जी ने अपील कर रखी है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि ED के सभी समन पर रोक लगाई जाए।
इन दोनों ने दिल्ली उच्च-न्यायालय से अनुरोध किया था कि वो ED को आदेश दे कि उन्हें बार-बार समन देकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली न बुलाया जाए, बल्कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ही पूछताछ व जाँच की कार्यवाही हो। न्यायाधीश योगेश खन्ना ने इस मामले की सुनवाई की। उन्हें धन-शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act), 2002 की धारा-50 के तहत समन भेजा गया था।
इस मामले में बड़ी मात्रा में दस्तावेज ED ने जुटाए हैं, ऐसे में उस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए ED ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था। ED का कहना है कि ये मामला राष्ट्रीय है और किसी एक पुलिस थाने तक सीमित नहीं है। दोनों ने आरोप लगाए थे कि केंद्रीय एजेंसी कुछ लोगों को परेशान कर रही है तो कुछ को बचा रही है। साथ ही उन्हें बदनाम करने का आरोप भी लगाया था।
Delhi High Court Refuses Interim Relief To TMC MP Abhishek Banerjee, His Wife In Plea Seeking Quashing Of ED Summons In Coal Scam Case @abhishekaitc,@nupur_0111 https://t.co/oekGmTfN1T
— Live Law (@LiveLawIndia) September 21, 2021
अभिषेक बनर्जी और रुजीरा ने अपनी याचिका में कहा था, “ED जानबूझ कर इस मामले की सूचनाएँ मीडिया में लीक कर रहा है। इस कारण ‘मीडिया ट्रायल’ किया जा रहा है, जिससे हमारी प्रतिष्ठा की मानहानि हो रही है। हमारे खिलाफ आधारहीन आरोप लगाए गए हैं।” वहीं ED इस मामले में पहले ही अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर चुका है। हालाँकि, दिल्ली उच्च-न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं दी गई।
अप्रैल 2021 में ED ने अपने रिमांड नोट में बताया था कि राज्य में अवैध कोयला उत्खनन का काम सत्ताधारी राजनेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहा था। माँझी, विनय और विकास के लिंक अभिषेक बनर्जी के परिवार से जुड़े हैं। पिछले 2 साल में माँझी ने 1352 करोड़ रुपए के अवैध कोयला खनन को अनुमति दी थी। विनय मिश्रा के जरिए ये लोग सत्ताधारी नेताओं से संपर्क में थे। वहीं अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि सारी कोयला एजेंसियाँ केंद्र के अधीन आती हैं और उन पर केंद्रीय संस्थाएँ निगरानी रखती हैं।