Sunday, December 22, 2024
Homeराजनीतिन NDA-न INDIA, अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी BSP: बोलीं मायावती- कॉन्ग्रेस के साथी भी...

न NDA-न INDIA, अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी BSP: बोलीं मायावती- कॉन्ग्रेस के साथी भी उसके जैसे ही जातिवादी और पूँजीवादी

"ये पार्टियाँ लोगों के कल्याण के लिए काम नहीं करतीं। उन्होंने दलितों, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया है। सत्ता में आते ही अपने वादे भूल जाते हैं। जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। यही सबसे बड़ा कारण है कि बीएसपी ने विपक्ष के साथ हाथ नहीं मिलाया है।"

2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए से मुकाबले के लिए कॉन्ग्रेस विपक्षी दलों को एक साथ लाने के प्रयास कर रही है। इस क्रम में 18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में 26 दलों की बैठक हुई और गठबंधन का नाम INDIA रखा गया। इसी दिन 39 दलों वाले NDA की बैठक भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई।

लेकिन जनता दल (सेक्युलर) JD(S), शिरोमणि अकाली दल (SAD), बहुजन समाज पार्टी (BSP), बीजू जनता दल (BJD), भारत राष्ट्र समिति (BRS), युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) जैसे कुछ दल ऐसे भी हैं जो न तो विपक्ष की बैठक में दिखे और न एनडीए की। इनमें से बसपा ने अब अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। वह न तो एनडीए के साथ जाएगी और न विपक्षी गठबंधन के साथ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने 19 जुलाई 2023 को बताया कि उनकी पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी।

मायावती ने विपक्षी गठबंधन और एनडीए दोनों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी अपने जैसी जातिवादी और पूँजीवादी सोच रखने वाली पार्टियों के साथ गठबंधन कर फिर से केंद्र की सत्ता में आने का सपना देख रही है। वहीं बीजेपी भी फिर से सत्ता में आने के लिए एनडीए को मजबूत बनाने में लगी है। साथ ही सत्ता में वापसी के दावे कर रही है। 300 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है। लेकिन उनकी कथनी और करनी में भी विपक्षी गठबंधन की तरह ही अंतर है।

मायावती ने कहा, “हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। हम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में वहाँ की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।” विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने को लेकर बसपा सुप्रीमो ने कहा, “ये पार्टियाँ लोगों के कल्याण के लिए काम नहीं करतीं। उन्होंने दलितों, मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया है। सभी एक जैसे हैं। सत्ता में आते ही अपने वादे भूल जाते हैं। उन्होंने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। चाहे वह कॉन्ग्रेस हो या बीजेपी। यही सबसे बड़ा कारण है कि बीएसपी ने विपक्ष के साथ हाथ नहीं मिलाया है।”

गौरतलब है कि जैसे 2024 से पहले बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश हो रही है, ऐसा ही प्रयोग 2019 के आम चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में हुआ था। सपा और बसपा ने पुराने मतभेद भूलाकर हाथ मिलाए थे। लेकिन ये चुनावों में बीजेपी को तगड़ी चुनौती देने में नाकाम रहे थे। इसके बाद दोनों दलों के रास्ते अलग हो गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -