23 जून को आषाढ़ द्वितीया। इसी तिथि पर हर साल धूमधाम से जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा आयोजित की जाती है। वैश्विक कोरोना संक्रमण को देखते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाले रथ यात्रा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि अगर उन्होंने इस साल इसकी इजाजत दे दी तो भगवान जगन्नाथ उन्हें माफ नहीं करेंगे।
रविवार (जून 21, 2020) को ओडिशा भाजपा अध्यक्ष समीर मोहंती ने पुरी में रथ यात्रा के संचालन के लिए राज्य सरकार से पुरी के राजा गजपति दिब्यसिंह देब के प्रस्ताव के अनुसार कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार को पुरी शंकराचार्य से भी चर्चा करनी चाहिए।
#RathYatraCancelled: #Odisha BJP president Samir Mohanty appeals State Govt to take steps as per #Puri King Dibyasingha Deb’s proposal for conduct of #RathYatra in Puri; says, “Odisha govt should also discuss the matter with Puri Shankaracharya.” pic.twitter.com/NMGK2xrwWk
— OTV (@otvnews) June 21, 2020
जारी किए गए एक वीडियो में समीर मोहंती ने कहा कि सरकार को दिए गए विस्तृत पत्र में गजपति द्वारा उठाए गए मुद्दों का विश्लेषण करना चाहिए और उसके अनुसार कदम उठाना चाहिए।
गजपति ने शनिवार (जून 20, 2020) को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिख कर रथ यात्रा को अनुमति देने के लिए अपने आदेश को संशोधित करने के लिए तत्काल सुप्रीम कोर्ट का रूख करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि गहन विचार-विमर्श के बाद, प्रबंध समिति और छठिहसा निजोगा ने सर्वसम्मति से सरकार से अपील करने का फैसला किया।
गजपति महाराजा ने COVID-19 महामारी के खिलाफ पर्याप्त सावधानियों के बीच रथ यात्रा आयोजित करने के अपने तर्क के लिए शास्त्रों, परंपराओं, ऐतिहासिक तथ्यों को उद्धृत करते हुए औचित्य को भी सामने रखा।
भाजपा नेता ने सरकार से इस मुद्दे पर पुरी शंकराचार्य से परामर्श करने को कहा, क्योंकि पिछले दो दिनों से अदालत के साथ-साथ अधिकारियों से भी अपील जा रही है।
गौरतलब है कि शुक्रवार (जून 20, 2020) को भाजपा ने एक बयान में कहा था कि यद्यपि यह दुखद है, लेकिन हर किसी को रथयात्रा पर शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करना चाहिए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा था, “हमें सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए कि इस महीने महामारी चरम पर है।”
हालाँकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता बिजय महापात्रा ने कहा कि भगवान जगन्नाथ के सबसे बड़े उत्सव को अचानक रद्द किए जाने से राज्य सरकार की भूमिका ‘‘संदेह’’ के दायरे में रहेगी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करना सभी का दायित्व है, लेकिन महामारी के बीच रथयात्रा के आयोजन को लेकर सरकार की तरफ से इच्छाशक्ति की कमी थी।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा में रथ यात्रा को लेकर राज्य सरकार पहले से ही संदेह के घेरे में है। बुधवार (जून 10, 2020) को बीजेपी ने ओडिशा सरकार से इस पर स्थिति स्पष्ट करने की माँग की थी। भाजपा के प्रदेश महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने संवाददाताओं से कहा था कि रथ यात्रा में कुछ ही दिन बचे हैं और राज्य सरकार की चुप्पी से भक्तों और ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों में चिंता पैदा हो गई है।
भाजपा नेता ने कहा था कि इस समय तक उत्सव के लिए तैयारी बैठकें होनी चाहिए थीं लेकिन आयोजन को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण कोई चर्चा नहीं हुई है। हरिचंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री को बयान देना चाहिए और राज्य तथा देश के लाखों लोगों के मन से संदेह दूर करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण राज्य सरकार रथ यात्रा कराने के पक्ष में नहीं दिख रही है।