लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही ओडिशा विधानसभा चुनाव के भी नतीजे आए। ओडिशा में जनमत ढाई दशकों के बाद पूरी तरह से बदला नजर आया। जनकल्याण की नीतियों को छोड़कर सिर्फ चेहरा चमकाने की राजनीति कर रहे नवीन बाबू को जब लगा कि चुनाव में बीजेडी कमजोर पड़ रही है, तो उन्होंने मुफ्त की रेवड़ियों की झड़ी लगा दी। नवीन पटनायक की बीजेडी ने ओडिशा में 100 यूनिट फ्री बिजली, सभी छात्रों के छात्रवृत्ति, स्वयंसेवी समूहों को आर्थिक मदद और अन्य वादे किए, लेकिन जब नतीजे 4 जून को आए, तो ओडिशा में बीजू जनता दल को बुरी तरह से पराजय का मुँह देखना पड़ा। खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक डैमेज कंट्रोल के लिए 2 सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन एक सीट पर उन्हें भी पराजय का मुँह देखना पड़ा।
ओडिशा में आम जनता ने बीजेडी की मुफ्त रेवड़ियों की जगह बीजेपी के विकास, रोजगार सृजन और समस्याओं के लॉन्ग टर्म समाधान को चुना है। नवीन बाबू की मुफ्त रेवड़ियों को नकारते हुए जनमानस ने ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों में से 78 पर बीजेपी को जीत दिला दी। बीजेडी सिर्फ 51 तक सिमट गई, तो कॉन्ग्रेस 14, निर्दलीय 3 और सीपीआई-एम को महज 1 सीट मिली। चुनावी नतीजों के बाद धर्मशाला विधानसभा सीट से जीते निर्दलीय विधायक हिमाँशु साहू ने बीजेपी का दामन थाम लिया और बीजेपी के विधायकों की संख्या 79 तक पहुँच गई।
नवीन पटनायक की अगुवाई में बीजेडी ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी रेवड़ियों की झड़ी लगा दी। बीजेडी ने 100 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा कर दी, साथ ही 100-150 यूनिट के बीच बिजली पर आँशिक सब्सिडी भी दी। बीजेडी ने कहा कि इससे गरीबी परिवारों और खासकर किसानों को फायदा मिलेगा। बता दें कि ओडिशा में अधिकाँश किसान सिंचाईं के लिए बिजली के पंप पर निर्भर हैं।
बीजेडी ने मुफ्त बिजली के बाद सेल्फ हेल्ड ग्रुपों को आर्थिक सहयोग की घोषणा की। नवीन पटनायक ने अगले 10 सालों में 20 हजार करोड़ रुपए महिला सशक्तिकरण समूहों को देने की घोषणा की, जिसमें इन समूहों से जुड़े लोगों को पेंशन देने की भी घोषणा की गई। मिशन शक्ति के तहत 6 लाख महिला स्वयंसेवी समूहों और इनसे जुड़ी 70 लाख महिलाओं को इससे फायदा पहुँचाने की बात कही गई।
इसके अलावा बीजेडी ने छात्रों के लिए 1 लाख करोड़ रुपए छात्रवृत्ति के तौर पर देने की घोषणा की। इसमें कॉलेज जाने वाली छात्राओं को 14 हजार रुपए सालाना और छात्रों को 12 हजार रुपए सालाना देने का वादा किया गया।
ये वादे देखने में तो आकर्षक लगते हैं, लेकिन बीजेपी ने बीजेडी की ये कहकर आलोचना की कि आखिरी समय में सत्ता में आने के लिए नवीन पटनायक ने इस तरह की घोषणा की। बीजेपी नेताओं खासकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बीजेडी की आलोचना की। बीजेपी नेताओं लंबे समय से राज्य की सत्ता में रही बीजेडी द्वारा इन घोषणाओं के समय पर सवाल उठाए। बीजेपी ने इसे चुनावी रेवड़ी की संज्ञा दी।
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— Sarita Panda (@SaritaP58457384) May 10, 2024
दूसरी तरफ बीजेपी ने ओडिशा की जनता के सामने समावेशी विकास का ताना-बाना रखा। बीजेपी ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा की, लेकिन ये पूरी तरह से फ्री नहीं था। बल्कि इसे पीएम सूर्य घर योजना के तहत केंद्र सरकार की स्कीम से मिलाया। पीएम मोदी ने जनवरी 2024 को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन इस योजना की घोषणा की थी, जिसमें घरों के ऊपर सोलर एनर्जी के लिए पैनल स्थापित किए जाएँगे।
केंद्र सरकार की इस योजना का लक्ष्य नवीनीकृति ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही बीजेपी ने राज्य की 19,630 तालाबों-झीलों को पुनर्जीवित करने और सभी ग्राम पंचायतों की सड़कों को सोलर एनर्जी से प्रकाशित करने की योजना पेश की। ओडिशा में जनता ने एक तरफ बीजेडी की मुफ्त रेवड़ियों को लाल झंडी दिखाई, तो बीजेपी के समावेशी विकास के वादे को गंभीरता से लिया।
नवीन पटनायक को कंटबजी विधानसभा सीट पर बीजेपी के लक्ष्मण बाग ने बुरी तरह से हराया। इस विधानसभा क्षेत्र में पलायन का मुद्दा काफी गंभीर है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर काफी काम किया और ओडिशा में चुनाव प्रचार को औद्योगिकीकरण और पलायन को रोकने के मुद्दे को जोड़कर उठाया। पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह दोनों ने ही पलायन के मुद्दे को गंभीरता से उठाया।
ଏଠାରେ ନବୀନ ବାବୁଙ୍କ ସରକାରକୁ ହଟାଇ ବିଜେପି ସରକାର ବନାନ୍ତୁ । ମୁଁ ଭରସା ଦେଉଛି ଯେ, ଓଡ଼ିଶାରେ କାହାକୁ ବି ଦାଦନ ପାଇଁ ବାହାରକୁ ଯିବାକୁ ପଡ଼ିବ ନାହିଁ । କାମ ପାଇଁ ଏଠାରୁ ବାହାରକୁ ଯିବାକୁ ପଡିବନି । ବାହାରୁ ଯେପରି ଶିଳ୍ପ ସଂସ୍ଥା ଓଡ଼ିଶାକୁ ଆସିବ, ତାହାର ବ୍ୟବସ୍ଥା ବିଜେପି କରିବ ।
— Dharmendra Pradhan (मोदी का परिवार) (@dpradhanbjp) April 25, 2024
यहाँ नवीन बाबू की सरकार को उखाड़कर… pic.twitter.com/IoLSINCtm6
ओडिशा में पिछले 25 साल से सत्ता में बीजेडी है। ओडिशा में हमेशा नवीन पटनायक और बीजेडी के पक्ष में मतदान करती रही आम जनता ने इस चुनाव में बीजेडी को सबक सिखाने का फैसला किया और बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान किया।
सिर्फ विधानसभा ही नहीं, बल्कि लोकसभा चुनाव में बीजेडी को जनता ने नकारा
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी का खाता भी नहीं खुला है। यहाँ 25 साल से सत्ता में काबिज बीजेडी को 21 में से सभी 21 सीटों पर हार का मुँह देखना पड़ा। बीजेपी ने 20 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की, तो कॉन्ग्रेस ने भी एक सीट जीत ली।
खास बात ये है कि ओडिशा में जीत के लिए बीजेपी लंबे समय से प्रयास कर रही थी। धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेताओं को फ्री-हैंड दिया गया। लगातार ओडिशा में बीजेपी ने जोर लगाया। इस बार बीजेपी को अपनी मेहनत का फल भी मिला है। बीजेपी ने केरल में भी एक लोकसभा सीट जीती है और उस टैग से खुद को बाहर निकाला है, जिसमें बीजेपी को सिर्फ ‘उत्तर भारतीय राज्यों की पार्टी’ कहा जाता था।
मूल रूप से यह लेख अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित है। मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।