Sunday, November 17, 2024
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‘बेहूदा… बेशरम…’: सवालों से घबराई महुआ ने आचार समिति के अध्यक्ष के लिए इस्तेमाल किए अपमानजनक शब्द, निशिकांत बोले- ये संसदीय इतिहास का काला दिन

समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने बताया, "मोइत्रा बेहद आक्रामक और असभ्य तरीके से बोल रही थीं। इसके बाद गिरधारी यादव और दानिश अली ने टेबल पीटना शुरू कर दिया। इस बात पर भी मतदान हुआ कि कौन से सदस्य इस मुद्दे पर गहन चर्चा के लिए देर रात तक रुकना चाहते हैं।"

‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा गुरुवार (2 नवंबर 2023) को संसद की आचार समिति के सामने पेश हुईं। हालाँकि, वह बाद में समिति के सवालों से असहज होकर तमतमाते हुए उठकर बाहर निकल गईं और समिति पर आरोप लगाने लगीं। उनके साथ विपक्षी दलों के सांसदों ने भी बैठक का बहिष्कार कर दिया। बाहर निकलते समय महुआ मोइत्रा ने कहा कि संसदीय आचार समिति की बैठक में उनसे निजी और भद्दे सवाल पूछे जा रहे थे। वहीं, भाजापा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर सवाल उठाए।

उनका साथ देते हुए बीएसपी के सांसद दानिश अली ने कहा, “हमने कमेटी से इसलिए वॉकआउट किया, क्योंकि कमेटी के चेयरमैन आपत्तिजनक सवाल पूछ रहे थे”। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने आरोपों को दोहराया है और कहा है कि महुआ मोइत्रा कुछ भी कर लें, अब उन्हें कोई भी नहीं बचा सकता। उन्होंने महुआ के आचरण को भी संसदीय मर्यादा के खिलाफ और संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन बताया।

जानकारी के मुताबिक, आचार समिति ने महुआ मोइत्रा से कई सवाल पूछे। इनमें दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे को लेकर सीधे सवाल पूछे गए, खासकर उनकी विदेश यात्राओं के बारे में। महुआ से पूछा गया कि उनकी विदेश यात्राओं का खर्च किसने उठाया? इन यात्राओं के दौरान वो किस होटल में रुकीं और उसका पेमेंट किसने दिया? मोइत्रा से पूछा गया कि वो पीए कौन था, जो उनकी जगह सवाल पूछा करता था?

इन्हीं सवालों पर महुआ असहज हो गईं और जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। इसके बाद विपक्षी सांसदों के साथ उन्होंने आचार समिति की बैठक का वॉकआउट कर दिया। वॉकआउट करने वालों में बसपा सांसद दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरिधारी यादव और कॉन्ग्रेस के सांसद उत्तम कुमार रेड्डी शामिल थे। गिरिधारी यादव ने बाद में कहा, “उन्होंने महुआ मोइत्रा से निजी सवाल पूछे। उन्हें निजी सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। इसलिए हम बाहर चले गए।”

मोइत्रा ने जाँच में सहयोग नहीं किया: विनोद सोनकर

संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि महुआ ने जाँच में सहयोग नहीं दिया। उन्होंने कहा, “विपक्षी सदस्यों ने गुस्से में आरोप लगाए। वे सवाल से बचने के लिए बैठक से बाहर निकले। वह केवल और केवल उन पर आरोप हैं। सवाल से बचने के लिए यह आरोप लगाए हैं।”

बता दें कि पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने वाले इस मामले में आचार समिति ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया था। वहीं, महुआ मोइत्रा ने भी संसद की आईडी-पासवर्ड शेयर करने के आरोपों को स्वीकार कर लिया है।

मोइत्रा बेहद असभ्य तरीके से बोल रही थीं: अपराजिता सारंगी

वहीं, समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने बताया, “मोइत्रा बेहद आक्रामक और असभ्य तरीके से बोल रही थीं। इसके बाद गिरधारी यादव और दानिश अली ने टेबल पीटना शुरू कर दिया। इस बात पर भी मतदान हुआ कि कौन से सदस्य इस मुद्दे पर गहन चर्चा के लिए देर रात तक रुकना चाहते हैं।”

भाजपा सांसद सारंगी ने आगे कहा, “इस वोटिंग में विपक्षी सदस्य 5 मतों से हार गए। बाद में उन्होंने बैठक से वॉकआउट करने का फैसला किया। जाते-जाते महुआ मोइत्रा ने चेयरमैन के लिए ‘बेहूदा’ और ‘बेशरम’ शब्द का इस्तेमाल किया।”

अब महुआ मोइत्रा को कोई नहीं बचा सकता

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोप पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कहना है, “उन्होंने (महुआ मोइत्रा) जनता के सामने एक भ्रामक कहानी पेश करने की कोशिश की… वे इस बात को पचा नहीं पा रही हैं कि अनुसूचित जाति का एक व्यक्ति विनोद सोनकर आचार समिति के अध्यक्ष बन गये हैं। वह उनके खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी कर रही हैं।”

निशिकांत दुबे ने कहा, “मेरे और अन्य लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी सबूतों के बाद कोई भी ताकत महुआ मोइत्रा को नहीं बचा सकती। मैं और देहाद्राई वहाँ गवाह के रूप में गए थे और महुआ मोइत्रा एक आरोपित के रूप में गई थीं। उन्होंने जनता के बीच गलत कहानी पेश करने की कोशिश की। आज जो हुआ यह संसदीय इतिहास का सबसे काला दिन है।”

हीरानंदानी ने हलफनामा देकर कहा- दुबई में मिलती थी महुआ

बता दें कि बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में माना है कि महुआ मोइत्रा उनसे दुबई में आकर मिलती थीं। उन्हें ब्लैकमेल करती थीं। उनका गलत फायदा उठाती थीं। दर्शन हीरानंदानी ने गिफ्ट और पैसा देने की बात भी कही थी। इसी संबंध में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी शिकायत की थी। इसके बाद ओम बिरला ने इस मामले को संसद की आचार समिति को भेज दिया था।

अब संसद की आचार समिति ‘पैसे के बदले संसद में सवाल पूछने’ के मुद्दे की जाँच कर रही है। टीएमसी सांसद मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकद और अन्य तरह की मदद लेकर उनके प्रतिद्वंद्वी गौतम अडानी को टारगेट करते हुए और उन्हें फायदा पहुँचाने वाले संसद में सवाल पूछने के आरोप हैं।

मीडिया हाउसों के खिलाफ केस लिया था वापस

इससे पहले, उन्होंने मीडिया हाउसों और निशिकांत दुबे के साथ जय देहाद्राई के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था, जिसमें से उन्होंने मीडिया हाउसों के खिलाफ दायर किए गए केस को वापस ले लिया था। अब मानहानि का मामला सिर्फ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ चलेगा। महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दायर अपनी याचिका से पक्षकार के रूप में मीडिया घरानों को मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को हटाने का अनुरोध किया।

बता दें कि महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर जय अनंत देहाद्राई ने पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के बदले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से पैसे ली हैं। इस पत्र के आधार पर निशिकांत दुबे ने महुआ की शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी। मीडिया हाउसों ने इस खबर की रिपोर्टिंग की थी। इसके बाद महुआ ने दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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