पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ब्यूरोक्रेट्स की तरफ़ शिफ्ट करने की कोशिश की है। सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान भी उनके वकील कपिल सिब्बा ने कहा था कि आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी अप्रूवल देने में भारत सरकार के 6 सचिवों का हाथ था। उन्होंने पूछा था कि उन्हें क्यों नहीं गिरफ़्तार किया गया है? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिदंबरम ने सीबीआई को कहा कि उनके पास सभी फाइलों को पढ़ने का समय नहीं रहता था इसीलिए वह एफआईपीबी के अधिकारियों की अनुशंसा पर कार्य करते थे।
चिदंबरम ने सीबीआई से पूछताछ के दौरान कहा कि वे सभी अधिकारी अपने काम में दक्ष थे और फाइलों को वही लोग देखा करते थे। उनके इस बयान के बाद अब उनके कार्यकाल में वित्त मंत्रालय में तैनात रहे कुछ अधिकारियों से सीबीआई पूछताछ कर सकती है। चिदंबरम ने कहा कि अगर कोई अनियमितता हुई है तो उन्हें ज़रूर पता होगा। अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के समय इमोशनल चिदंबरम ने कहा कि वे सरकार के ‘आतिथ्य का आनंद’ ले रहे हैं।
पूर्व डीईए सचिव डी सुब्बाराव ने जाँचकर्ताओं को बताया था कि ऑफिस रिकार्ड्स के अनुसार एफडीआई अप्रूवल देने में हुई अनियमितताओं को एफआईपीबी के संज्ञान में नहीं लाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, ऐसा निर्णय लेने से पहले प्रस्ताव को रिज़र्व बैंक के पास भेजा जाना चाहिए था।
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने पाँच देशों के सम्बंधित विभागों को पत्र भेज कर कुछ अहम जानकारियाँ माँगी हैं। ये वही देश हैं, जहाँ से रुपयों का अवैध लेनदेन किया गया और ट्रांसफर्स किए गए। सीबीआई ने यूके, बरमूडा, मारीशस, सिंगापुर और स्विट्ज़रलैंड को पात्र भेजा है। बता दें कि अभी पी चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में हैं।