अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर राग अलापने को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि इमरान खान दरवाजे-दरवाजे जाकर कार्टूनिस्टों को मसाला दे रहे हैं। उड़वाने का कोई भी मौका वे छोड़ नहीं रहे।
शनिवार (सितंबर 28, 2019) को मुंबई में माझगांव डॉक्स में भारत की दूसरी ‘स्कॉर्पीन-क्लास अटैक’ पनडुब्बी के शामिल होने के अवसर पर राजनाथ सिंह ने यह टिप्पणी की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पाक पीएम की ओर से दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए उनकी खूब चुटकी ली। रक्षा मंत्री ने कहा कि इमरान अपना और अपने देश का मजाक उड़वाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे।
Defence Minister Rajnath Singh in Mumbai: The progressive steps we are taking in Jammu and Kashmir are receiving global support. But Pak has been going door to door &creating content for cartoon makers pic.twitter.com/MLfi8MsZWS
— ANI (@ANI) September 28, 2019
राजनाथ सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में हमारे प्रगतिशील कदमों को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री दर-दर पर जाकर कार्टूनिस्टों के लिए कंटेट क्रिएट करने का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की हालिया अमेरिकी यात्रा ने एक महाशक्ति के रूप में भारत के उद्भव को प्रदर्शित किया। हमने देखा कि कैसे अमेरिका के शीर्ष नेताओं ने लोगों से खचाखच भरे स्टेडियम में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का स्वागत किया।”
आगे उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि आज हमारी सरकार के मजबूत संकल्प और नौसेना के बेड़े में पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी के शामिल होने के साथ हम उसे और भी बड़ा झटका देने में सक्षम हैं।”
#WATCH Defence Min Rajnath Singh: Kuch aisi taqatein hain jinki hasraten napak hain. Ve sazish rach rahe hain ki samandar ke raste Mumbai ke 26/11 jaisa ek aur speculated attack Bharat ke is coastal area mein kar saken. Lekin unke irade kisi bhi surat mein kamyab nahi honge. pic.twitter.com/ozxqeqKR9d
— ANI (@ANI) September 28, 2019
रक्षा मंत्री ने कहा कि ये बेहद गर्व की बात है कि भारत उन चुनिंदा देशों में है जो अपनी पनडुब्बियों का निर्माण खुद कर सकता है। उन्होंने पाक पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जिनकी हरकतें नापाक हैं। वे साजिश रच रहे हैं कि समंदर के रास्ते मुंबई के 26/11 जैसा एक और हमला भारत के तटीय क्षेत्र में कर सकें। लेकिन उनके मंसूबे किसी भी सूरत में पूरे नहीं होंगे।