बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की लोकसभा चुनाव 2024 में नजदीकी हार से परेशान कम से कम 4 कार्यकर्ता अपनी जान दे चुके हैं। पंकजा मुंडे की हार के बाद कई घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। इस बीच, पंकजा मुंडे ने अपने कार्यकर्ताओं से अतिरंजना में आत्महत्या जैसे कदम न उठाने की अपील की है, इस अपील के बाद भी कार्यकर्ताओं के सुसाइड की खबरें आ चुकी हैं। बता दें कि पंकडा मुंडे को लोकसभा चुनाव में महज 6553 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद से उनके समर्थक और बीजेपी कार्यकर्ता काफी नाराज हैं।
पंकजा मुंडे की हार की वजह से सचिन कोंडीबा मुंडे (उम्र 30, जिला लातूर), पांडुरंग रामभाऊ सोनवणे (अंबाजोगाई जिला बीड), पोपट वैभसे (जिला बीड) और गणेश उर्फ हरिभाऊ भाऊसाहेब बड़े (उम्र 35,जिला बीड) आत्महत्या कर चुके हैं। इनमें से सचिन मुंडे ने 7 जून को, 9 जून को पांडुरंग सोनावणे, 10 जून को पोपटराव वैभासे और गणेश बाडे ने 16 जून को अपनी जान दे दी।
पंकजा मुंडे के कट्टर समर्थक रहे गणेश बाडे को बीड लोकसभा चुनाव में पंकजा मुंडे की हार से झटका लगा था। इसके बाद उसने अवसाद के चलते फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खबर सामने आने के बाद पंकजा मुंडे ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी, जहां उन्हें फूट-फूट कर रोते देखा गया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
महाराष्ट्र के बीड से पंकजा मुंडे बीजेपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ीं थीं. लेकिन वो यहां से हार गईं. इस हार को उनके समर्थक सहन नहीं कर पाए और 4 समर्थकों ने अपनी जान दे दी. परिजनों से मिलने पहुंचीं पंकजा मुंडे तो फूट फूटकर रो पड़ीं. देखें वीडियो#maharashtra #Beed #bjp… pic.twitter.com/BFAknk7bWT
— ABP News (@ABPNews) June 17, 2024
पंकजा मुंडे ने की समर्थकों से भावुक अपील
इस मामले में पंकजा मुंडे ने समर्थकों से भावुक अपील की है कि वो अति-गुस्से में कोई भी ऐसा कदम न उठाएँ, जो उनके और उनके परिवार के लिए दुखदाई हो। पंकजा मुंडे ने पोपटराव वैभासे के घर पहुँचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज (16 जून 2024) आष्टी तालुका के चिंचेवाड़ी में मेरे कार्यकर्ता श्री पोपट वैभासे के परिवार के सदस्यों के साथ शोक सभा आयोजित की गई। पोपटराव एक सक्रिय कार्यकर्ता थे, जिन्होंने खुद को समर्पित कर रखा था एक योद्धा की तरह, लेकिन उनके इस तरह के निर्णय की वजह से चले जाने के चलते न सिर्फ उनता परिवार बल्कि मैं भी कमजोर हुई हूँ। आज पोपटराव वैभासे के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है जो कभी कम नहीं होगा, मैं उनके दुख को बाँटने की कोशिश करती रहूँगी। मैं उनके मासूम बच्चों और परिवारों की सारी जिम्मेदारी भी उठाऊँगी, लेकिन यह जिम्मेदारी मेरे लिए दर्दनाक है। उनके बच्चों की आँखों में अस्थिर भाव मुझे परेशान कर रहे हैं।
मेरा सभी से अनुरोध है कि “हम निश्चित रूप से इतने कमजोर नहीं हैं कि हार से निराश हो जाएँ, लेकिन यह दर्द मेरे लिए असहनीय है। अपनी जान न दें, यदि आपको साहस के साथ लड़ने वाला नेता चाहिए, तो मुझे भी साहस के साथ लड़ने वाला कार्यकर्ता चाहिए। मैं अपने लोगों को नहीं खोना चाहती। मैं हार से हतोत्साहित नहीं हूँ, लेकिन ऐसी घटनाएँ (आत्महत्याएँ) मुझे हिला टुकी हैं। मैं बहुत परेशान हूँ।”
माझा कार्यकर्ता स्व.पोपट वायभासे यांच्या कुटुंबियांची आज आष्टी तालुक्यातील चिंचेवाडी येथे सांत्वनपर भेट घेतली. पोपटराव प्रत्येक कार्यात स्वतःला झोकून देणारा सक्रिय कार्यकर्ता…खरतर लढाऊ वृतीचा, पण असा टोकाचा निर्णय घेऊन कुटुंबाला सोडून जाण मला कमकुवत करणार आहे.
— Pankaja Gopinath Munde (@Pankajamunde) June 16, 2024
आज पोपटराव… pic.twitter.com/fRU2h0RBQG
इससे पहले उन्होंने 12 जून 2024 को भी समर्थकों से अपील का एक वीडियो शेयर किया था और समर्थकों से कहा था कि वो कोई भी आत्मघाती कदम न उठाएँ। उन्हें अपने बहादुर साथियों की जरूरत है। उन्होंने कहा था, “मेरा मानना है कि किसी को भी किसी नेता से इतना प्यार नहीं करना चाहिए कि वो उसके लिए अपनी जान दे दे। अगर आपको साहस से लड़ने वाला नेता चाहिए तो मुझे भी साहस से लड़ने वाला कार्यकर्ता चाहिए। अब अगर किसी ने मेरी लिए जान दी तो मैं राजनीति छोड़ दूँगी। क्योंकि, मुझे लगता है कि राजनीति के कारण ऐसा हो रहा है। मैं हारी हुई नहीं हूँ, लेकिन इस तरह की चीजें मुझे झकझोर देती हैं। मैं खुद इस घटना से बहुत परेशान हूँ।”
माझी नम्र विनंती…🙏 pic.twitter.com/jqscye05iV
— Pankaja Gopinath Munde (@Pankajamunde) June 12, 2024
गौरतलब है कि पंकजा मुंडे ने बीड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जहाँ उन्हें महाविकास आघाड़ी के संयुक्त उम्मीदवार बजरंग सोनवणे के हाथों नजदीकी हार का सामना करना पड़ा। 4 जून 2024 को आए लोकसभा चुनाव चुनाव के नतीजों में पंकजा मुंडे को 6553 वोटों से हार मिली थी। इस बार बीजेपी ने दो बार की मौजूदा सांसद प्रीतम मुंडे की जगह उनकी बहन पंकजा मुंडे को टिकट दिया था। उनकी हार के बाद से एक के बाद एक 4 समर्थक अपनी जान दे चुके हैं।
पंकजा मुंडे महाराष्ट्र में बीजेपी के कद्दावर नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। वो महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। उनके पिता गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें महाराष्ट्र में ‘लोकनेता’ की उपाधि दी जाती रही है। वो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी बने थे, लेकिन दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद से उनकी बेटियाँ पंकजा मुंडे ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाली है। पंकजा मुंडे बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव भी हैं।