Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिपार्थ चटर्जी ने स्कूलों में भर दिए बॉडीगार्ड के रिश्तेदार, घर पर पड़े...

पार्थ चटर्जी ने स्कूलों में भर दिए बॉडीगार्ड के रिश्तेदार, घर पर पड़े थे SSC भर्ती के एडमिट कार्ड: AIIMS को बीमार नहीं मिले ममता के मंत्री, कोर्ट ने 10 दिन की कस्टडी में भेजा

पार्थ पर आरोप है कि उन्होंने अपने मेदिनीपुर निवासी अंगरक्षक विशंभर मंडल के 10 रिश्तेदारों को स्कूल की नौकरियाँ दिलवाईं जिसमें उनके दो भाई बंशगोपाल और देवगोपाल भी शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल में स्कूल जॉब स्कैम मामले में पकड़े गए ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार (25 जुलाई 2022) को भुवनेश्वर के एम्स ने उनकी जाँच करने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया, जिसके बाद ईडी अधिकारी मंगलवार (26 जुलाई 2022) को उन्हें अपने कार्यालय ले आए। 

बता दें कि इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट की विशेष अदालत ने उनके मामले पर सुनवाई करने के बाद उनकी बेल याचिका को खारिज किया था। साथ ही उन्हें 10 दिन तक ईडी हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने उनके साथ उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की हिरासत भी 3 अगस्त तक ईडी को दी थी।

कोर्ट ने माना था कि ईडी ने जो चीजें अदालत को दिखाई हैं उनसे यही पता चलता है कि आरोप बेहद गंभीर हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी की छानबीन में अर्पिता के घर से जहाँ पड़ताल में उन्हें 21 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण और विदेशी मुद्रा आदि मिले हैं। वहीं पार्थ के घर की छानबीन में कई एडमिट कार्ड और उम्मीदवारों की सूची मिली है।

पार्थ पर आरोप है कि उन्होंने अपने मेदिनीपुर निवासी अंगरक्षक विशंभर मंडल के 10 रिश्तेदारों को स्कूल की नौकरियाँ दिलवाईं जिसमें उनके दो भाई बंशगोपाल और देवगोपाल भी शामिल हैं। कथिततौर पर इन भर्तियों की चर्चा हर जगह होने लगी थी। इसी वजह से विशंभर ने बॉडीगार्ड होने के बावजूद पार्थ के घर कुछ समय से आना-जाना बंद कर दिया था।

जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने इन लोगों से भी इस मामले में हलफनामा दायर करने को कहा है। याचिकाकर्ता के वकील सुदीप्तो दासगुप्ता ने बताया, “कोर्ट ने एसएससी स्कैम मामले में उन लोगों से भी हलफनामा दायर करने को कहा है जिन्हें जॉब मिली। ये हलफनामा 17 अगस्त तक दायर किया जाना है।” 

क्यों गिरफ्तार हुए पार्थ चटर्जी?

मालूम हो कि चटर्जी ममता सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। उनके ऊपर आरोप है कि वो असिस्टेंट टीचर और प्राइमरी टीचर की पोस्ट पर लोगों को पैसे लेकर भर्ती करते थे जिसकी वजह से उनके खिलाफ पीएमएलए की धारा 3,4 के तहत केस दर्ज हुए और शनिवार को ईडी उन्हें गिरफ्तार कर ले गई। कोर्ट ने उनकी कस्टडी पहले दो दिन के लिए ईडी को दी। लेकिन तब उन्होंने ‘बेचैनी’ होने की शिकायत की। उन्हें स्थानीय कोर्ट के आदेश पर एसएसकेएम अस्पताल भर्ती कराया गया और फिर कोर्ट के निर्देश आए कि उन्हें एम्स भेजा जाए।

सोमवार को उन्हें एम्स भुवनेश्वर ले जाया गया। लेकिन अस्पताल ने कहा कि उन्हें भर्ती किए जाने की कोई जरूरत नहीं हैं और ईडी साथ ले जा सकती है। मंगलवार को ईडी पार्थ को अपने कार्यालय लेकर आई और अब आगे की पूछताछ होगी। मालूम हो कि इसी स्कैम मामले में सीबीआई भी उनसे अप्रैल और मई में पूछताछ कर चुकी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

झारखंड में ‘वर्ग विशेष’ से पत्रकार को भी लगता है डर, सवाल पूछने पर रवि भास्कर को मारने दौड़े JMM कैंडिडेट निजामुद्दीन अंसारी: समर्थकों...

झारखंड से JMM प्रत्याशी निजामुद्दीन अंसारी ने पत्रकार रवि भास्कर पर हाथ उठाने की कोशिश की और उनके समर्थकों ने पीछे पड़कर उनका माइक तोड़ डाला।

मणिपुर सरकार से बाहर हुई NPP, दिल्ली में मैतेई महिलाओं का प्रदर्शन: अमित शाह की हाई लेवल मीटिंग, 2 साल के बच्चे-बुजुर्ग महिला की...

NPP ने मणिपुर की NDA सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। NPP ने यह फैसला मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -