लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय ने बड़ी घोषणा की है। राज्यसभा में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “यात्रा को आरामदेह बनाने के लिए सरकार पुराने कोच की जगह पर मॉडर्न लिंक हॉफमेन बुश कोच लगाने वाली है।”
When I visited Guwahati in Assam, I was assured that every long distance train is replaced with LHB coaches in order to give a comfortable journey to passengers from the North-east: @PiyushGoyal pic.twitter.com/eF7qDbhrGn
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) January 5, 2019
आपको बता दें इस कोच की सबसे अच्छी ख़ासियत यह है कि सीबीसी कपलिंग होने की वजह से कोच के पलटने और आपस में टक्कर होने की संभावना कम हो जाती है। यदि आप सोच रहे हैं कि यह सीबीसी कौन सी बला है, ऐसे में आपको बता दें कि सीवीसी का पूरा नाम ‘सेंटर बफर कपलर’ है। यह एक आधुनिक तकनीक है, जिसकी वजह से ट्रेन के कोच आपस में नहीं टकराते हैं।
सदन में सवाल जवाब के दौरान मंत्री ने कहा, “एक सप्ताह की रिव्यू मीटिंग गुवाहाटी में आयोजित की गई थी, जहाँ हमने यह महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया।” एक सवाल के जवाब में यह भी बताया गया कि किस तरह से इस सरकार के आने के बाद देश में मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग की संख्या में कमी आई है। यही नहीं पिछले नौ महीने में एक्सीडेंट की संख्या में भी अप्रत्याशित रूप से कमी आई है।
भाजपा सरकार ने रेलवे का काफी तेजी आधुनिकीकरण किया है। यही नहीं किसी भी सरकारी घोषणा के क्रियान्वयन के क्षेत्र में सरकार ने उल्लेखनीय काम किया है। सुरेश प्रभु के कार्यकाल के दौरान रेलवे के आधुनिकीकरण और पीयूष गोयल के नेतृत्व में परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन ने रेलवे की महत्वपूर्ण प्रगति में काफी मदद की है। मेट्रो ट्रांजिट सिस्टम, बुलेट ट्रेन, हाइपरलूप और अन्य हाई-स्पीड रेल परियोजनाएँ भी पाइपलाइन में हैं।
इस दर पर भारतीय रेलवे बाजार वैश्विक रेलवे बाजार का 10% यानी कि तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा और मेट्रो रेल 70% के साथ भारत के कुल रेलवे बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा होगा।
भाजपा सरकार ने इन संभावनाओं की पहचान करने में काफी सफलता प्राप्त की है और रेलवे में भारी निवेश किया है। यूपीए कार्यकाल में लालू प्रसाद यादव और ममता बनर्जी जैसे बड़े नेताओं के रेलवे मंत्री होने के बावजूद दोनों सरकारों के बीच अंतर बहुत बड़ा है।