चित्रकूट प्रवास पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने श्री तुलसी पीठ पहुँचे और तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज से मुलाकात की। उन्होंने जगद्गुरु रामानंदाचार्य का भी आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी ने कहा कि चित्रकूट के बारे में कहा गया है- ‘कामद भे गिरि राम प्रसादा। अवलोकत अपहरत विषादा’… अर्थात चित्रकूट के पर्वत, कामदगिरि, भगवान राम के आशीर्वाद से सारे कष्टों और परेशानियों को हरने वाले हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि चित्रकूट की ये महिमा यहाँ के संतों और ऋषियों के माध्यम से ही अक्षुण्ण बनी हुई है। पीएम ने आगे कहा, “मुझे आज कई राम मंदिरों में पूजा करने का सौभाग्य मिला। मुझे जगद्गुरु रामानंदाचार्य का भी आशीर्वाद मिला। चित्रकूट ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है।”
#WATCH | Madhya Pradesh: Prime Minister Narendra Modi addresses at Tulsi Peeth in Chitrakoot.
— ANI (@ANI) October 27, 2023
"I am blessed to offer prayers at several Ram Temples, today. I also seemed blessings of Jagadguru Ramanandacharya. Chitrakoot has always inspired me," he says. pic.twitter.com/QNpw30wxds
संस्कृत हमारी प्रगति और पहचान की भाषा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संस्कृत न केवल परंपराओं की भाषा है, बल्कि यह देश की प्रगति और पहचान की भी भाषा है। तुलसी पीठ के काँच मंदिर में संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “संस्कृत कई भाषाओं की जननी है। संस्कृत हमारी प्रगति और पहचान की भाषा है।”
उन्होंने कहा, “दूसरे देश के लोग मातृभाषा जाने तो ये लोग प्रशंसा करेंगे, लेकिन संस्कृत भाषा जानने को ये पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं। इस मानसिकता के लोग पिछले एक हजार साल से हारते आ रहे हैं और आगे भी कामयाब नहीं होंगे।”
#WATCH | Madhya Pradesh: Sanskrit is the mother of several languages… Several attempts were made to destroy India during the 1,000 years of slavery. Attempts were made to destroy the Sanskrit language completely. We got Independence, but those with a mentality of slavery had a… pic.twitter.com/Vn2zZPgruM
— ANI (@ANI) October 27, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन पुस्तकों का किया विमोचन
चित्रकूट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अष्टाध्यायी भाष्य, रामानंदाचार्य चरितम और भगवान श्रीकृष्ण की राष्ट्रलीला का विमोचन किया। इनमें से दो पुस्तकें संस्कृत भाषा में हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि अष्टाध्यायी भारत की भाषा विज्ञान, भारत की बौद्धिकता और शोध संस्कृति का हजारों साल पुराना ग्रंथ है। उन्होंने अष्टाध्यायी के महत्व पर प्रकाश डाला, क्योंकि यह भाषा के व्याकरण और विज्ञान को सारगर्भित रूप में प्रस्तुत करती है।
#WATCH | Madhya Pradesh: Prime Minister Narendra Modi releases three books, namely Ashtadhyayi Bhashya, Ramanandacharya Charitam and Bhagwan Shri Krishna ki Rashtraleela, at Tulsi Peeth in Chitrakoot pic.twitter.com/CJXUOCNaUp
— ANI (@ANI) October 27, 2023
पीएम मोदी ने काँच मंदिर में की पूजा-अर्चना
प्रधानमंत्री मोदी ने चित्रकूट के काँच मंदिर में पूजा-अर्चना की। काँच मंदिर में राघव सत्संग भवन के साथ-साथ चित्रकूट बिहारी और बिहारिणी (भगवान राम और देवी सीता) का मंदिर भी शामिल है। यह तीन शिखरों वाला मंदिर है। गर्भगृह में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं, जिनकी सेवा पुजारी द्वारा की जाती है।