प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर पर 9वीं बार तिरंगा फहराया। उन्होंने भारत को आजाद कराने वाले सभी महापुरुषों को नमन किया और 25 साल में देश कैसे विकसित होगा इसके लिए 5 मंत्र दिए। उनके 83 मिनट के भाषण में वीर सावरकर से लेकर सुभाष चंद्र बोस और भगवान बिरसा मुंडे को याद किया गया। देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने से लेकर नारी शक्ति पर बात की। भाई-भतीजेवाद को निशाना बनाया गया, भ्रष्टाचार पर चोट की गई और देश को जय अनुसंधान का नारा दिया गया।
उनके इस 83 मिनट के भाषण की खास बातें क्या थीं, आइए जान लेते हैं:
- सावरकर से लेकर बिरसा मुंडे को याद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी ने आज 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। उन्होंने गाँधीजी, वीर सावरकर, भगत सिंह, राजगुरु, रामप्रसाद बिस्मिल, अश्फाकउल्लाह खान, रानी लक्ष्मी बाई, तात्या तोपे के प्रति आभार जताया। साथ ही बिरसा मुंडे, तिरोट सिंह और अल्लूरी सीताराम राजू जैसे महापुरुषों की भूमिका को भी अतुल्य कहा।
- हर घर तिरंगा: उन्होंने भारत की विविधताओं को उसकी ताकत बताते हुए आजादी का अमृत महोत्सव के सफल आयोजन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ पूरे देश के एक साथ आने का उदाहरण है। पिछले तीन दिनों में तिरंगे के लिए देश में जो उत्साह दिखा, उसकी कल्पना कई विशेषज्ञों ने नहीं की थी। भारत से प्यार करने वाले इसे कोने-कोने में फहरा रहे हैं।
- विकसित भारत के लिए 5 प्रण: भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने होने पर भारत कैसा होगा, इसके विजन की भी पीएम मोदी ने एक रेखा खींची। उन्होंने देश को 5 प्रण दिलाए। उन्होंने कहा, अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा। इनमें पहला बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्रण है- किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना। तीसरी प्रण है- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा प्रण है- एकता और एकजुटता। पाँचवाँ प्रण- नागरिकों का कर्तव्य।”
- भाई-भतीजावाद, परिवारवाद के कारण युवाओं से छिन रहा उनका हक: पीएम मोदी ने कहा कि जब भी वह भाई-भतीजेवाद की बात उठाते हैं तो लोगों को लगता है कि ये सिर्फ राजनीति की बात है। हकीकत में हिंदुस्तान के हर संस्थान में ये पोषित हो रहा है और इसकी वजह से काबिल युवाओं को अवसर नहीं मिल रहा है। उन्होंने परिवारवाद को पूरे राष्ट्र के लिए घातक कहा और बोले कि इससे शुद्धिकरण जरूरी है।
- भ्रष्टाचार दीमक की तरह खोखला कर रहा है: पीएम ने लाल किले से भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। उन्होंने कहा एक तरफ वो लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके पास चोरी किया माल रखने की जगह नहीं है। वह बोले, “हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूटकर भाग गए। हम उनकी संपत्ति जब्त कर रहे हैं। कई लोग जेल में हैं, जिन लोगों ने देश को लूटा है और ऐसी स्थिति बनाई है उन्हें लूटा हुआ पैसा लौटाना होगा।”
- आत्मनिर्भर भारत- एक जनआंदोलन: पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के बाद देश में दिखे बदलाव का उल्लेख किया। उन छोटे बच्चों का आभार जताया जो विदेशी खिलौने छोड़ स्वदेशी से खेलने लगे। पीएम ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है। ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।”
- कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं: पीएम ने भारतीयों की आस्था पर बात करते हुए कहा, “हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं।”
- अंतरिक्ष की असीम ऊँचाई से समुद्र की गहराई तक रिसर्च में मदद: प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन का, डीप ओशन मिशन का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है।”
- जय जवान को मिला नया आयाम: अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ का मंत्र देश को दिया, जो आज भी देश के लिए प्रेरणा है। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने उसमें ‘जय विज्ञान’ को जोड़ा और अब वह इसमें ‘जय अनुसंधान’ को जोड़ रहे हैं। पीएम के भाषण में नारी शक्ति का भी जिक्र आया जब उन्होंने कहा, “हम महिलाओं और बेटियों को जितना अधिक अवसर देंगे, उनके योगदान से हमें उतना ही अधिक लाभ मिलेगा।”