भारत सरकार द्वारा 59 चायनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो (Weibo) छोड़ दिया है। चायनीज सोशल मीडिया वीबो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेरिफाइड एकाउंट मौजूद था और तकरीबन ढाई लाख फॉलोवर्स थे। पीएम मोदी ने साल 2015 में वीबो पर अपना एकाउंट बनाया था। बुधवार को PM मोदी का यह अकाउंट ब्लैंक नजर आया है।
सरकार द्वारा 59 चायनीज ऐप, विशेषकर टिकटॉक को प्रतिबंधित करने के बाद कई लोग पीएम मोदी के विबो एकाउंट को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे थे। इसके बाद ही यह सूचना सामने आई है।
आशीष सिंह ने इसकी सूचना ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा – “ब्रेकिंग न्यूज़। पीएम मोदी ने चीनी ऐप वीबो छोड़ा। जैसे ही भारत में चीन के 59 ऐप को हटाने का फैसला लिया गया, पीएम मोदी ने फैसला किया कि वे वीबो को छोड़ देंगे, जिसे उन्होंने कुछ साल पहले ही ज्वाइन किया था। वीबो को छोड़ने के लिए वीबो की विशिष्ट प्रक्रिया होने के कारण 2 दिन का समय लगता है।”
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— Ashish Singh (@AshishSinghNews) July 1, 2020
PM Modi quits Chinese App Weibo.
As soon as the decision was taken to disallow Chinese 59 Apps in India, PM Modi decided that he would be quitting Weibo, which he had joined a few years ago. Took 2 days as Weibo has specific procedure for VIP account to quit. pic.twitter.com/T8lWao81Yl
गौरतलब है कि लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच देशभर में चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार की आवाज उठनी शुरू हुई हैं। ऐसे में भारत सरकार ने 59 चायनीज ऐप को प्रतिबंधित करने का बड़ा फैसला लिया।
भारत सरकार के इस फैसले से चीन चिंतित भी नजर आ रहा है, यही वजह है कि एक ओर जहाँ वह अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के द्वारा भारत के खिलाफ कूटनीतिक एजेंडा चलाने के प्रयास कर रहा है, उसी समय चीन ने इन ऐप के बहिष्कार पर WTO (विश्व व्यापार संगठन) की शर्तों की भी दुहाई दे रहा है।
इस पर चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने भी चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध को लेकर कहा है कि चीन इस पर पूरी तरह से नजर रख रहा है और इस कार्रवाई का कड़ा विरोध जता रहा है।
रोंग ने कहा कि भारत ने इन ऐप को बैन करने का जो तरीका अपनाया है वो भेदभावपूर्ण है। डब्ल्यूटीओ का हवाला देते हुए चीनी दूतावास ने बयान दिया है कि कुछ चीनी ऐप प्रतिबंधित करने के लिए जिस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया है, वो ठीक नहीं है और ये विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन भी है।
इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि इन ऐप को प्रतिबंधित करने के भारत सरकार के फैसले पर व्यापार के नियमों का हवाला वह कम्युनिस्ट देश दे रहा है, जिसने अपनी जनता के लिए फेसबुक और ट्विटर जैसी किसी भी प्रकार की माइक्रोब्लॉगिंग सोशल मीडिया साइट को प्रतिबंधित किया हुआ है।