प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 जुलाई, 2024) को संसद में राहुल गाँधी के प्रोपेगंडा का जवाब देते हुए लोकसभा अध्यक्ष से माँग की कि उन पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अब उन्हें बालक-बुद्धि मान कर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके पीछे इरादे नेक नहीं हैं बल्कि गंभीर खतरे के हैं। उन्होंने देशवासियों को जागरूक करते हुए कहा कि इनलोगों का झूठ हमारे देश के नागरिकों की विवेक-बुद्धि पर आशंका व्यक्त करता है, एक तमाचा मारने की निर्लज्ज हरकत है।
पीएम मोदी ने इस दौरान आपातकाल का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकारों को गिराया गया, मीडिया को दबाया गया, देश पर क्रूरता का पंजा चलाया गया। उन्होंने बताया कि संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ ये हरकतें थीं। पीएम मोदी ने याद दिलाया कि इनलोगों ने देश के दलितों के साथ घोर अन्याय किया। पीएम मोदी ने याद दिलाया कि बाबासाहब आंबेडकर ने कॉन्ग्रेस की दलित विरोधी मानसिकता के कारण नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दिया था।
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने नेहरू से कैबिनेट से इस्तीफा देते हुए कहा था, “मैं सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों की उपेक्षा पर अपने अंदर उत्पन्न आक्रोश को रोक नहीं सका।” पीएम मोदी ने याद दिलाया कि बाबासाहब आम्बेडकर का राजनीतिक राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए नेहरू ने पूरी ताकत लगा दी थी। पहले षड्यंत्रपूर्वक उन्हें चुनाव में हरवाया गया, उन्होंने बाबासाहब के पराजय का जश्न भी मनाया।
उन्होंने एक अन्य दलित नेता बाबू जगजीवन राम का भी जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें उनका हक़ नहीं दिया गया, आपातकाल के बाद उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना थी लेकिन इंदिरा गाँधी ने पक्का किया कि वो किसी भी हाल में पीएम न बनें। पीएम मोदी ने एक किताब का जिक्र करते हुए बताया कि इंदिरा गाँधी ने कहा था कि अगर जगजीवन राम प्रधानमंत्री बन गए तो वो कभी नहीं हटेंगे। उन्होंने चौधरी चरण सिंह के साथ भी कॉन्ग्रेस के व्यवहार का जिक्र करते हुए सवाल उठाए।
उन्होंने कॉन्ग्रेस के दलित अध्यक्ष सीताराम केसरी के अपमान का भी जिक्र किया और कहा कि इसी कॉन्ग्रेस ने ऐसा किया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस को शुरू से आरक्षण का घोर विरोधी बताते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख कर आरक्षण का विरोध किया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर ‘मंडल कमीशन’ की रिपोर्ट वर्षों तक ठण्डे बक्से में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राजीव गाँधी का सबसे लंबा भाषण आरक्षण के खिलाफ था, जो आज भी संसद के रिकॉर्ड में उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और गंभीर विषय की चर्चा की – हिन्दुओं के अपमान की। उन्होंने याद दिलाया कि 131 वर्ष पहले स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था, मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूँ, जिसने पूरे विश्व को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है। उन्होंने हिन्दुओं पर हिंसक होने का आरोप लगाए जाने को लेकर कहा कि ये देश शताब्दियों तक इसे नहीं भूलेगा। उन्होंने याद दिलाया कि चुनाव के दौरान ‘शक्ति के विनाश’ की बात की गई थी, पूरा बंगाल माँ काली की समर्पित भाव से उपासना करता है।
उन्होंने कॉन्ग्रेस पर ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द गढ़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके साथी हिन्दू धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया से करते हैं और ये ताली बजाते हैं – देश ये माफ़ नहीं करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत इनके पूरे इकोसिस्टम ने हिन्दू समाज एवं परंपरा, संस्कृति एवं विरासत को नीचा दिखाने, गाली देने, अपमानित करने और मजाक उड़ाने को फैशन बना दिया है। पीएम मोदी ने राहुल गाँधी द्वारा भगवान शिव का पोस्टर संसद में लहराए जाने पर भी आवाज़ उठाई।
उन्होंने कहा कि निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस तरह से इस्तेमाल को माफ़ नहीं किया जा सकता, ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है बल्कि प्रदर्शन के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज सोचे कि ये कोई संयोग है या किसी प्रयोग की तैयारी है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सेनाएँ, हमारे डिफेन्स सेक्टर में इतने रिफॉर्म हो रहे हैं, उन्हें आधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में CDS का पद बनने के बाद समन्वय सशक्त हुआ है।
उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय सेना को सुधार न होने के कारण नुकसान झेलना पड़ा, ये मुद्दा सुरक्षा से जुड़ा है इसीलिए वो इस पर अधिक कुछ नहीं कह रहे। लगातार बदलती तकनीक की दुनिया में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सेनाओं को इसके हिसाब से निभाना है, गालियाँ खाकर और झूठे आरोप सह कर भी हम मुँह पर ताला लगा कर काम कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि नेहरू के समय देश की सेनाओं को कमजोर बना दिया गया था, कॉन्ग्रेस ने लाखों-करोड़ों रुपयों के घोटाले किए।
जीप घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, बोफोर्स घोटाला की बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश की ताकत को बढ़ने से इन सबने रोका। उन्होंने याद दिलाया कि भारतीय सेना के पास कॉन्ग्रेस के समय बुलेटप्रूफ जैकेट भी नहीं होते थे। न सिर्फ सत्ता में रहते बल्कि विपक्ष में जाने के बाद भी ये भारतीय सेना को कमजोर करने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि फाइटर जेट्स एयरफोर्स तक न पहुँच पाए, इसीलिए राफेल का विरोध किया गया, राफेल के छोटे-छोटे खिलौने बना कर उड़ाए गए और सेना का मजाक बनाया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवाल दागा कि कॉन्ग्रेस पार्टी किसके फायदे के लिए भारतीय सेना को कमजोर करने में लगी हुई है? उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा सरकार ने OROP (वन रैंक, वन पेंशन) लागू किया, जबकि कॉन्ग्रेस ने इस पर गुमराह किया। उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान भी पूर्व सैनिकों को रुपए दिए गए। उन्होंने पेपर लीक के मुद्दे पर भी कहा कि परीक्षा की व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं, कड़े कानून बनाए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा, “बीते कुछ वर्षों में हमने विकास को अपना सबसे बड़ा संकल्प बनाया है। हमने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प लिया है। आज़ादी के इतने वर्षों बाद पीने का शुद्ध पानी पहुँचाने के लिए हमने ‘हर घर जल’ का संकल्प लिया। हर गरीब को आवास देना हमारा संकल्प है। जैसे-जैसे भारत विश्व में ताकतवर बन रहा है, हमारी सेनाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का हमारा संकल्प है। ये हरित-युग है। 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए हम आधुनिक इंफ़्रास्ट्रक्चर बनाना है, वैश्विक बेंचमार्क तक जाना है।”
पीएम मोदी ने बताया कि भारत में इंफ़्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश हुआ है उतना कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि रोजगार व स्व-रोजगार के अवसर बन रहे हैं, उसका विस्तार हो और उसे नया रूप-रंग दिया जाए, स्कील डेवलपमेंट हो, नौजवानों का भविष्य सँवरे – उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 18 वर्षों में प्राइवेट सेक्टर में जॉब क्रिएशन में सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना है। पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट्स को लेकर UPI भारत की सफलता की बड़ी कहानी है। पीएम मोदी ने लाहा, “मैं आज इकोसिस्टम को बता देना चाहता हूँ, उसकी हर साजिश का जवाब उसी की भाषा में मिलेगा।”