असम सरकार राज्य में बहुविवाह रोकने की तैयारी कर रही है। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार (9 मई 2023) को कहा है कि राज्य सरकार द्वारा बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है या नहीं, इसकी जाँच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया गया है। इससे पहले असम में बाल विवाह को लेकर भी बड़ी कार्रवाई हो चुकी है।
The Assam Government has decided to form an expert committee to examine whether the state Legislature is empowered to prohibit polygamy in the state. The committee will examine the provisions of The Muslim Personal Law (Shariat) Act, 1937 read with Article 25 of the Constitution…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 9, 2023
दरअसल, बहुविवाह रोकने के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा:
“असम सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया है। यह समिति इस बात की जाँच करेगी कि क्या विधानसभा को राज्य में बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है? यह समिति भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व अनुच्छेद 25 तथा मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एक्ट 1937 के प्रावधानों की जाँच करेगी। यह समिति सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श भी करेगी। ताकि सही निर्णय लिया जा सके।”
बता दें कि इससे पहले शनिवार (6 मई 2023) को कर्नाटक के कोडागु जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था “हमें समान नागरिक संहिता भी लागू करना होगा। मुस्लिम महिलाओं और बेटियों की चार से ज्यादा शादियाँ कराई जाती हैं। ये कैसा चलन है? दुनिया में ऐसा नियम नहीं होना चाहिए।”
सीएम हिमंता ने यह भी कहा था, “यहाँ भी हमें समान नागरिक संहिता लानी होगी और इस चलन को समाप्त करना होगा। मुस्लिम बेटियों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाया जाना चाहिए, बच्चा पैदा करने वाली मशीन नहीं। बीजेपी ने सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता पर काम करने का वादा किया है। इसके लिए मैं भाजपा को धन्यवाद देता हूँ।”
गौरतलब है कि देश में मुस्लिमों को बहुविवाह यानी कि एक से अधिक निकाह करने की छूट है। मुस्लिमों को छोड़कर कोई अन्य व्यक्ति यदि एक से अधिक विवाह करता है तो इसे IPC की धारा 494 और 495 के तहत दण्डनीय अपराध माना जाता है। वहीं, मुस्लिम IPC की धारा 494 के तहत पहली बीवी की सहमति से 4 निकाह कर सकता है।
दरअसल, मुस्लिमों को यह छूट मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) 1937 के तहत दी गई है। मुस्लिम महिलाओं को हालाँकि 4 शादियाँ करने का अधिकार नहीं है। यदि किसी मुस्लिम महिला को दूसरी शादी करनी है तो उसे पहले शौहर को तलाक देना होगा।
बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार का एक्शन
बता दें कि इस साल की शुरुआत में असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बाल विवाह के खिलाफ कठोर कदम उठाए थे। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी करते हुए बाल विवाह करने और कराने वालों को गिरफ्तार किया था।
आँकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल 2021 से फरवरी 2023 तक असम में बाल विवाह के 4670 मामले सामने आए। इसमें से 3483 लोगों की गिरफ्तार किया गया। बड़ी बात यह है कि इसमें से 3098 लोगों को इस साल के शुरुआती दो महीनों (जनवरी-फरवरी 2023) में गिरफ्तार किया गया।