बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पुराने ‘अनन्य’ सहयोगी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधा है। नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रशांत किशोर वही व्यक्ति हैं जिन्होंने जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) को कॉन्ग्रेस में विलय करने की सलाह दी थी। वह कुछ भी बोलते रहते हैं उन्हें बोलने दीजिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर जेपी गोलंबर पहुंचे थे। जहाँ, उनसे पत्रकारों ने उनसे पूछा कि प्रशांत किशोर ने कहा है कि उन्हें पद का ऑफर दिया गया था। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें (प्रशांत किशोर को) जो कुछ भी बोलना है, बोलें। हमें उनसे कोई लेना-देना नहीं है।
नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर (पीके) को लेकर कहा है, “आजकल बीजेपी में गए हैं तो उनके हिसाब से कर रहे हैं। इन लोगों का कोई ठिकाना नहीं है। वह मेरे घर में रहते थे, अब जो चाहे वह बोलते रहते हैं। हमने उनको नहीं बुलाया था बल्कि वो खुद मिलने आए थे। क्या-क्या बात बात हुई थी हमारे बीच, इस पर हम कुछ नहीं बोलेंगे। उनको बोलने दीजिए जो कुछ बोलना है। उनको राजनीति से क्या मतलब है, इसलिए उन्हें बोलने दीजिए।”
#WATCH | When asked about Prashant Kishor’s claim that Nitish Kumar offered him a post recently, Bihar CM says, “It’s false. Let him speak whatever he wants,we’ve nothing to do with it.4-5 yrs back he had told me to merge with Congress.He has gone to BJP & is acting as per it…” pic.twitter.com/5YUzAT6kv8
— ANI (@ANI) October 8, 2022
उन्होंने पीके पर आरोप लगाते हुए कहा, “हम लोगों को उससे कोई लेना-देना नहीं है। एक बार वह (पीके) हमसे कह रहे थे कि अपनी पार्टी को कॉन्ग्रेस में मर्ज कर लीजिए। आप ही बताइए, हम कॉन्ग्रेस में क्यों मर्ज करेंगे। ये आज से करीब 4-5 साल पहले की बात है।”
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर अब बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। जब वो आरजेडी और जेडीयू का विरोध कर रहे हैं तो इसका मतलब तो यही हुआ कि वो बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं।
दरअसल, प्रशांत किशोर ने बुधवार (5 अक्टूबर, 2022) को अपनी ‘जन-सुराज’ यात्रा के दौरान दावा किया करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार ने उन्हें पद का ऑफर किया है। उन्होंने कहा था, “जब मैं कुछ दिन पहले नीतीश कुमार से मिला तो उन्होंने मुझसे फिर से जेडीयू में शामिल होने और साथ काम करने के लिए कहा था। साथ ही यह भी कहा कि आप मेरे राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं।”
उन्होंने यह भी कहा था कि सीएम नीतीश कमार ने उन्हें अपना कैंपेन वापस लेने के लिए कहा। लेकिन, उन्होंने नीतीश कुमार से स्पष्ट रूप से कहा कि वह उनके साथ काम नहीं करेंगे, भले ही वह (नीतीश कुमार) उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना दें या उनके लिए सीएम की कुर्सी छोड़ दें।