‘वारिस पंजाब दे’ के सरगना और भगोड़े खालिस्तानी अमृतपाल सिंह की सरगर्मी से तलाश हो रही है। उसके समर्थकों की गिरफ्तारियाँ हो रही है। इस बीच काॅन्ग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में उसके समर्थन में रैली निकाली गई है। इससे पहले पंजाब काॅन्ग्रेस के अध्यक्ष भी गिरफ्तारियों को लेकर चिंता जता चुके हैं। स्थानीय पुलिस ने बिना अनुमति रैली निकालने पर आयोजकों को नोटिस जारी किया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अमृतपाल के समर्थन में रैली निकाली गई। नारेबाजी की गई। पंजाब पुलिस का पुतला फूँका गया। रैली रायपुर के तेलीबाँधा गुरुद्वारे से AAP ऑफिस तक निकाली गई। इसमें शामिल लोगों ने आप ऑफिस के बाहर पंजाब सरकार का पुतला जलाया और पुलिस एक्शन का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अमृतपाल ड्रग माफियाओं के खिलाफ काम कर रहा था। सरकार उसे बदनाम कर आतंकवादी बताने की कोशिश कर रही है।
अमृतपाल के समर्थन में निकाली गई रैली पर भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने ऐतराज जताया है। रैली निकालने पर कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश विरोधी गतिविधि करने वालों का पनाहगाह बन गया है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पंजाब में जब से नई सरकार बनी है, वहाँ के हालात लगातार खराब हो रहे है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
इससे पहले बघेल जैसे सुर में ही पंजाब कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग भी बात कर चुके हैं। वडिंग ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर गिरफ्तारी चिंता जताई थी। कहा था कि पार्टी चरमपंथियों के खिलाफ नरमी का समर्थन नहीं करती, लेकिन भटके नौजवानों के पुनर्वास की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि पंजाब की पुलिस सिख युवकों को अमृतपाल समर्थक बताकर गिरफ्तार कर रही है जो चिंता का विषय है।
गौरतलब है कि रिपोर्टों से यह खुलासा हुआ है कि अमृतपाल नशामुक्ति केंद्रों की आड़ में एक निजी मिलिशिया बना रहा था। जाँच के दौरान पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी ISI और आतंकवादी संगठन टसिख फॉर जस्टिस’ के साथ भी उसके संबंध सामने आए हैं।