पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन और उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा अवैध तरीके से सीएनटी एक्ट के दायरे में आने वाली जमीन की खरीदारी के मामले की अब जाँच होगी। भाजपा के राज्यसभा सदस्य समीर उरांव समेत अन्य नेताओं की ओर से दिए गए शिकायती पत्र के बाद मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया है। गुरुवार (अक्टूबर 24, 2019) को राज्य सरकार ने इस संबंध में राँची, जमशेदपुर और बोकारो के उपायुक्तों को आदेश दिया।
झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले भाजपा की रघुवर दास सरकार ने सोरेन परिवार पर शिकंजा कस दिया है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व भाजपा के राज्यसभा सदस्य समीर उरांव ने मुख्य सचिव से मिलकर इस संबंध में शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने सोरेन परिवार द्वारा आदिवासियों की जमीनें गलत तरीके से खरीदने की बात कही थी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कई बार खुले मंच से सीएनटी और एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन खरीदने के आरोप सोरेन परिवार पर लगाए हैं। रघुवर दास ने शनिवार (12 अक्टूबर) को जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर प्रदेश को लूटने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता अफ़वाह फैलाकर आदिवासी समाज को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता भी लगातार इस मामले को लेकर झामुमो अध्यक्ष और उनके परिवार पर तीखे बयान देते रहे हैं।
वहीं, सरकार द्वारा दिए गए जाँच के आदेश पर झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि जाँच के आदेश निंदनीय हैं। उन्होंने कहा, “यह भाजपा के विरोधियों को डराने के लिए है। उन्होंने देश भर में ऐसा ही किया है। हालाँकि, हम डरने वाले नहीं हैं और इससे हमारी चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”