हरियाणा की कॉन्ग्रेसी सरकार में मंत्री रहे गोपाल कांडा अभी काफी चर्चा में हैं। कारण है कि बिन मॉंगे उनका भाजपा को समर्थन का ऐलान करना। कांडा हरियाणा के सिरसा से विधायक चुने गए हैं। हालॉंकि भाजपा ने न तो उनसे समर्थन मॉंगा था और न ही लिया, लेकिन उनके दागदार अतीत का हवाला देकर भाजपा को घेरने की भरपूर कोशिश हुई। अब जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है उससे सवाल उठने लगा है कि क्या कांडा को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार बचा रही है? क्या दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार सिरसा के नव-निर्वाचित विधायक गोपाल कांडा को बचा रही है?
असल में, दिल्ली की एक अदालत में गोपाल कांडा के ख़िलाफ़ एक एयर होस्टेस की आत्महत्या से जुड़ा मामला चल रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस मामले में अदालत पब्लिक प्रोसिक्यूटर की अनुपस्थिति से बेहद नाराज है। अदालत ने आपत्ति जताते कहा है कि ये अजीब स्थिति है, जहाँ सरकार अभियोजन में कोई दिलचस्पी ही नहीं दिखा रही है। जुलाई 25, 2013 को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद कांडा के ख़िलाफ़ बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप हटा दिए गए थे। दिसंबर 6, 2013 को ट्रायल कोर्ट ने कांडा के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने सम्बंधित मामला चलाने का फ़ैसला लिया।
इस घटना को 6 वर्ष हो गए हैं। मामला एक विशेष अदालत में चल रहा है, जहाँ केवल जनप्रतिनिधियों के ख़िलाफ़ ही आपराधिक मामले चलाए जाते हैं। इस मामले में कोर्ट में आधे-अधूरे सबूत पेश किए जा रहे हैं। गवाहों को बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद वो पेश नहीं हो रहे। अव्वल तो ये कि पब्लिक प्रोसिक्यूटर ही सुनवाई से गायब रहते हैं। 3 अक्टूबर को जस्टिस अजय कुमार ने प्रॉसिक्यूशन डायरेक्टर को समन कर के पूछा कि स्पेशल प्रोसिक्यूटर अदालत में सुनवाई के समय क्यों नहीं पेश हो रहे? उन्हें दिल्ली पुलिस के लिए पेश होना है।
जज ने कहा कि कांडा के केस में सरकार की रुचि नहीं
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) October 26, 2019
गोपाल कांडा के मुक़दमे के लिए सरकारी वकील ही नहीं आ रहे, गवाही नहीं हो पा रही .
सरकारी वकील देने की ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार की है
सब मिले हुए है जी? https://t.co/IYP6TZcCEu
अदालत ने फटकारते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए पब्लिक प्रोसिक्यूटर 23 सितम्बर के बाद से ही पेश नहीं हुए हैं। अदालत ने अपना सन्देश दिल्ली सरकार तक पहुँचाने को कहा। अदालत ने कहा कि अजीब स्थिति है जब दिल्ली सरकार इस केस में गंभीरता दिखा ही नहीं रही है। कोर्ट ने कहा, “हमें लगता है कि प्रॉसिक्यूशन डायरेक्टर ने राज्य सरकार की तरफ़ से केस लड़ने के मामले में सारी जिम्मेदारियों से हाथ धो लिया है।” अदालत का इशारा अरविन्द केजरीवाल सरकार की तरफ था, क्योंकि पब्लिक प्रोसिक्यूटर राज्य सरकार ने असाइन किया है और उसे दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश होना होता है।
अदालत ने अपनी आपत्ति प्रॉसिक्यूशन डायरेक्टर के जरिए अरविन्द केजरीवाल सरकार तक पहुँचा दी। एक गवाह तो हैदराबाद से सुनवाई में शामिल होने आया था लेकिन, पब्लिक प्रोसिक्यूटर के न आने से उसे निराश होना पड़ा। कोर्ट ने इसे लेकर नाराज़गी जताई। इस मामले में दिल्ली सरकार के साथ-साथ कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की भी खिंचाई की है। कोर्ट की फटकार के बाद ख़बरें आई थीं कि दिल्ली सरकार ने नया पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है।
#Alert – Gopal Kanda behaved in the most heinous manner with Geetika. From 2011 till 2019 – due to his money & muscle power, neither trial nor conviction has happened. After win, BJP wants to adopt him in the state where it gave the slogan ‘Beti Bachao, Beti Padhao’: Sanjay Singh pic.twitter.com/kemqFtRus9
— News18 (@CNNnews18) October 25, 2019
उधर आम आदमी पार्टी ने गोपाल कांडा का नाम लेकर भाजपा पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ वाले राज्य में भाजपा एक बलात्कार आरोपित का समर्थन ले रही है। आप ने तो यहाँ तक कहा कि दिल्ली में घर-घर जाकर बताया जाएगा कि उनकी बहू-बेटियाँ भाजपा से असुरक्षित हैं। गौरतलब है कि हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा को सरकार में शामिल करने से भाजपा ने साफ़ इनकार कर दिया है। हरियाणा के खेल मंत्री और हालिया चुनाव में छठी बार विधायक चुने गए अनिल विज ने कहा है कि कांडा को सरकार में शामिल करने का कोई सवाल ही नहीं उठता और न ही भारतीय जनता पार्टी उनका समर्थन ले रही है।