बता दें कि इस मामले को भाजपा सांसद लाहर सिंह सिरोया ने उठाया था। उनका आरोप था कि मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल खड़गे की अध्यक्षता वाले सिद्धार्थ विहार एजुकेशन ट्रस्ट को बेंगलुरु के पास हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में 5 एकड़ जमीन दी गई है।
When did the Kharge family become aerospace entrepreneurs to be eligible for KIADB land? Is this about misuse of power, nepotism, and conflict of interest?
— Lahar Singh Siroya (@LaharSingh_MP) August 25, 2024
My statement. 1/6@PMOIndia @AmitShah @JPNadda @BJP4India @BJP4Karnataka @INCIndia @INCKarnataka @RahulGandhi @kharge pic.twitter.com/7lwitXtzuP
सिरोया ने अपने बयान में कहा, एक रिपोर्ट से यह पता चला है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट (सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट) को बेंगलुरु के पास हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में एससी कोटे के तहत नागरिक सुविधाओं के लिए कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) की कुल 45.94 एकड़ जमीन में से 5 एकड़ जमीन आवंटित की गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस ट्रस्ट के ट्रस्टियों में खुदखुद खड़गे, उनकी पत्नी राधाबाई खड़गे, उनके दामाद और गुलबर्गा के सांसद राधाकृष्ण डोड्डामणि, बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे और एक अन्य बेटे राहुल खड़गे शामिल है।
When did the Kharge family become aerospace entrepreneurs to be eligible for KIADB land? Is this about misuse of power, nepotism, and conflict of interest?
— Lahar Singh Siroya (@LaharSingh_MP) August 25, 2024
My statement. 1/6@PMOIndia @AmitShah @JPNadda @BJP4India @BJP4Karnataka @INCIndia @INCKarnataka @RahulGandhi @kharge pic.twitter.com/7lwitXtzuP
अपने इन आरोपों के साथ सिरोया ने डॉक्यूमेंट साझा किए हैं। उन्होंने सवाल किया है कि आखिर प्रदेश उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने मार्च 2024 इसकी अनुमति दी कैसे? इसके साथ उन्होने खड़गे परिवार से सवाल करते हुए पूछा कि वो जमीन के पात्र होने के लिए एयरोस्पेस उद्यमी कब बन गए? उन्होंने आशंका जताई कि ये मामला सत्ता दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव से जुड़ा हुआ है।
How did the Industries Minister, Mr @MBPatil, consent to this allocation in March 2024? When did the Kharge family become aerospace entrepreneurs to be eligible for KIADB land? The matter of this alleged illegal allocation has also reached the Hon’ble Governor’s office. 5/6
— Lahar Singh Siroya (@LaharSingh_MP) August 25, 2024
बता दें कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को साइट आवंट की पुष्टि खुद उद्योग मंत्री एबी पाटिल ने की है। उनका कहना है कि जमीन आवंटित करते समय बिलकुल भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। साइट को निर्धारित मूल्य और बिना किसी छूट के दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह आवंटन राज्य स्तरीय समिति की सिफारिशों पर किया जाता है। उन्होंने जानकारी दी राहुल खड़गे आईआईटी स्नातक हैं और वे आवंटित भूमि पर रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करना चाहते हैं। KIADB मानदंडों के अनुसार, CA प्लॉट का उ उपयोग रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, उत्कृष्टता केंद्र, तकनीकी सहायता, कौशल विकास केंद्र, सरकारी कार्यालय, अस्पताल, होटल, पेट्रोल स्टेशन, कैंटीन आवासीय सुविधाएँ स्थापित करने के लिए किया जा सकता है।
How did the Industries Minister, Mr @MBPatil, consent to this allocation in March 2024? When did the Kharge family become aerospace entrepreneurs to be eligible for KIADB land? The matter of this alleged illegal allocation has also reached the Hon’ble Governor’s office. 5/6
— Lahar Singh Siroya (@LaharSingh_MP) August 25, 2024
वहीं प्रियांक खड़गे ने भी सिरोया के आरोपों को नकारा। उन्होंने कहा अल्प ज्ञान खतरनाक होता है। सबसे पहले बताना चाहेंगे कि आवंटित स्थल औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए बनाया गया कोई औद्योगिक भूखंड नहीं है। यह शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। ट्रस्ट का इरादा CA साइट पर मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने का है। क्या यह गलत है? KIADB ने CA साइट के लिए ट्रस्ट पर मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करना है।