राहुल गाँधी ने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के तहत आज पूर्णिया, बिहार में एक रैली को संबोधित किया। अपने भाषण में, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने सिनेमा हॉलों से पॉपकॉर्न से छुटकारा पाने और पॉपकॉर्न को मखाना से रिप्लेस करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना का इज़हार किया।
कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा, “अगर बिहार में एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई खोली जाती है, तो हम सिनेमा हॉल से पॉपकॉर्न बाहर निकालकर, उसकी जगह मखाना रखवा देंगे। पूरी दुनिया में जो लोग पॉपकॉर्न खा रहे हैं वे अब बिहार के पूर्णिया का मखाना खाएँगे।”
raga’s popcorn theory ? pic.twitter.com/hHUA9mAgJ1
— DR. GILL (@ikpsgill1) March 23, 2019
उम्मीद है आप मखाना समझ गए होंगे, पर जो अभी भी नहीं समझे उन अनजान लोगों के लिए बता दूँ, मखाना को लावा भी कहते हैं, जिसे अंग्रेजी में फॉक्स नट्स के रूप में जाना जाता है। मखाने का बिहार में उत्पादन ज़्यादा होता है। मखाना कमल के फूल का एक हिस्सा होता है और अत्यधिक पौष्टिक होने के साथ इसका मेवा के रूप में भी प्रयोग होता है।
हालाँकि, राहुल गाँधी का इस तरह का अप्रत्याशित वादा नया नहीं है। राहुल गाँधी के मखाना वाले प्रोजेक्ट की तुलना लोग डोनाल्ड ट्रम्प के ऐतिहासिक चुनावी वादे से करने लगे हैं। “हम दीवार का निर्माण करेंगे और मेक्सिको इसके लिए भुगतान करेगा!”
खैर इससे पहले भी राहुल गाँधी ऐसे हवाई वादे कर चुके हैं। इधर से आलू डालिये उधर सोना निकलेगा टाइप। पता नहीं राहुल गाँधी खुद नहीं समझ पा रहे या जानबूझकर ऐसे हवाई वादे कर रहे हैं, जिसके पूरा होने की संभावना शुरू से ही नहीं दिख रही, और साथ ही यह मूर्खतापूर्ण भी है।
Oh Well Got it Pappu!
— Naina ?? (@NaIna0806) March 23, 2019
Ek taraf se makhana dusri taraf se Popcorn or wait
Cinema hall se hum popcorn ko nikal kar makhana daal denge or
What the hell ….
Enjoy Friends don’t try to decode ?#RahulGandhi pic.twitter.com/k3f3ue2hnP
राहुल गाँधी के इस महान सिद्धांत को ट्विटर पर अनगिनत कमेंट्स के साथ शेयर किया गया। लोगो ने एक से बढ़कर एक प्रतिक्रिया दी।
Popcorn will he replaced by makhana
— Chowkidar Amit Kumar (@AMIT_GUJJU) March 23, 2019
And
Pepsi will be replaced by sattu ka shake. pic.twitter.com/1eSBo9keqL
इससे पहले राहुल गाँधी जी की कैसेट ‘मेड इन xxx’ मोबाइल और कपड़ों पर फँसी थी जब वो जहाँ भी रैली करते थे वहीं एक फैक्ट्री खोलकर मेड इन भोपाल मोबाइल फ़ोन से लेकर मेड इन फलाँ शर्ट तक का ऐलान करते फिरते थे।