राजस्थान कॉन्ग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने विधानसभा में बोलते हुए गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी। कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति से कहा कि ‘कोटा में रहना है कि नहीं।’ उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ा और उन्हें खूब गालियाँ दी। ये विधायक कोई और नहीं, बल्कि वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल हैं।
बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोटा उत्तर से विधायक शांति कुमार धारीवाल ने स्पीकर से बात करते हुए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। आरोप है कि उन्होंने बोलते हुए बार-बार गालियों का इस्तेमाल किया। साथ ही सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के लिए भी उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
जिस वक्त यह वाकया हुआ, उस वक्त सभापति के आसन पर कोटा दक्षिण से विधायक संदीप शर्मा थे। उन्होंने कम समय की बता करते हुए शांति धारीवाल को अपनी बात खत्म करने के लिए कहा। इस पर धारीवाल ने 5 मिनट और माँगे, लेकिन सभापति ने असमर्थता जताई और कहा कि आज बोलने वाले 65 लोग हैं। इस पर धारीवाल ने कहा, “अरे कितने भी बोलने वाले हों, देर तक चला लेना।”
धारीवाल ने सभापति संदीप शर्मा से कहा, “तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?” इतना ही नहीं, नगरपालिका और प्राधिकरणों के अधिकारियों का जिक्र करते हुए भी शांति धारीवाल ने गाली दे डाला। इस दौरान शांति धारीवाल और सभापति संदीप शर्मा भी मुस्कुराते हुए बातें करते हुए नजर आए।
ये कांग्रेस राजस्थान के वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल है।
— Pratyush Kanth (@PratyushKanth) July 26, 2024
विधानसभा में धमकी दे रहे हैं कि आपको कोटा में रहना है या नहीं देख लेंगे।
स्पीकर पद के लिए कांग्रेस का यह सम्मान जो की एक संवैधानिक पद है। दिल्ली में इनके नेता संविधान की रक्षा का ढोंग करते है।
कांग्रेस पार्टी क्या इन पर कोई… pic.twitter.com/5d0Gni31WH
शांति धारीवाल का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग उनकी खूब आलोचना कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने भी कॉन्ग्रेस विधायक के बयान की कड़ी आलोचना की है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्युष कांत ने कहा, “कॉन्ग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने विधानसभा में अपशब्द बोले हैं। ये हैं राजस्थान कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल हैं।”
भाजपा नेता आगे कहा, “विधानसभा में धमकी दे रहे हैं कि आपको कोटा में रहना है या नहीं देख लेंगे। स्पीकर पद के लिए कॉन्ग्रेस का यह सम्मान है, जो कि एक संवैधानिक पद है। दिल्ली में इनके नेता संविधान की रक्षा का ढोंग करते है। कॉन्ग्रेस पार्टी क्या इन पर कोई कार्रवाई करेगी या जयराम रमेश सिर्फ़ बयान से किनारा करेंगे?”