युद्ध में या जिहादियों के साथ मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त होने वाले सैनिकों के परिजनों के लिए सरकारी आवास रखने की समय सीमा को रक्षा मंत्रालय ने बढ़ाकर एक साल तक कर दिया है। इसके पहले यह समय सीमा महज़ तीन महीने की थी। इससे संबंधित प्रस्ताव को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंज़ूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय ने आज (मंगलवार, 26 नवंबर, 2019 को) ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। यह निर्णय थलसेना के अलावा नौसेना (नेवी) और वायुसेना पर भी लागू होगा।
Raksha Mantri Shri Rajnath Singh has approved a proposal to extend the period of retention of government accommodation by Battle Casualties from all the three Services to one year from the existing three months.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 26, 2019
ट्विटर पर मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह निर्णय सैन्य बलों की माँग और ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके अलावा यह भी बताया है कि यह कदम सैनिकों के मनोबल में बढ़ोतरी के लिए उठाया गया है।
In view of the requirements and demands of the Armed Forces, the Ministry of Defence reviewed the existing provisions and recommended the extension of the period to boost the morale of the Service personnel.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 26, 2019
At present, the family of an Armed Forces personnel killed in action against enemy forces or whilst enemy air attacks are permitted retention of government accommodation for three months and it has now been extended to one year.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 26, 2019
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के उनसे बात करते हुए कहा कि यह निर्णय केवल मनोबल में बढ़ोतरी से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि परिवार की आय के मुख्य स्रोत रहे इंसान की मौत के बाद इतनी जल्दी मकान बदल पाना कई बार बेहद मुश्किल भी हो जाता है।