गणतंत्र दिवस के जश्न से हफ्ते भर पहले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार (14 जनवरी 2021) को एक ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी 26 जनवरी को लाल किले से इंडिया गेट तक मार्च निकालेंगे और अमर जवान ज्योति पर तिरंगा फ़हराएँगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ स्वघोषित ‘किसान’ राकेश टिकैत ने दावा किया कि इस मार्च का ‘नज़ारा ऐतिहासिक’ होगा, जहाँ एक तरफ ‘किसान’ होंगे और दूसरी तरफ ‘जवान’।
#WATCH | “On Jan 26, we’ll take out a procession from Red Fort to India Gate. We will hoist the flag where we’ll meet at the Amar Jawan Jyoti. It will be a historic scene where on one side we will have ‘kisan’ and on the other side, ‘jawan’,” says BKU Spokesperson Rakesh Tikait pic.twitter.com/aF6JGk1UnP
— ANI (@ANI) January 14, 2021
टिकैत के मुताबिक़ किसान संगठन के नेता सरकारी प्रतिनिधियों, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ 9वें राउंड की बैठक करेंगे। प्रदर्शनकारी सरकार के साथ अपनी बातचीत जारी रखेंगे और दिल्ली के तमाम बॉर्डर्स पर अपना विरोध-प्रदर्शन भी जारी रखेंगे।
राकेश टिकैत की इस घोषणा के ठीक दो दिन पहले खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 1.8 करोड़ रुपए का इनाम देने का ऐलान किया था। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि 26 जनवरी को इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले व्यक्ति को 1.8 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा।
11 जनवरी को SFJ ने भारत में रहने वाले ऐसे सिखों जो खालिस्तानी आंदोलन का समर्थन करते हैं, उन्हें भड़काने के लिए यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो साझा किया। पन्नू ने उस वीडियो में युवा सिखों को संबोधित करते हुए कहा कि वह लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराएँ और भारतीय झंडे को दिल्ली के हर कोने से हटा दें। उसने कहा, “26 जनवरी को सिख पूरी दिल्ली में ट्रैक्टर्स से घूमें और हर तिरंगा हटा दें। भारत का झंडा दबाव का प्रतीक है इसे सिख पिछले कई सालों से झेल रहे हैं। भारत का हर झंडा हटा कर कुचल दिया जाना चाहिए।”
पन्नू ने यहाँ तक दावा किया कि अगर भारत का झंडा हटाते हुए कोई सिख गिरफ्तार किया जाता है है तो उसका संगठन उन लोगों को भारत से बाहर निकाल कर यूके में बसाने की व्यवस्था करेगा।
किसान आंदोलन में खालिस्तानी आतंकवादी समूह की भागीदारी
ये बात लगभग सभी जान चुके हैं कि खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने लोगों को मोदी सरकार के खिलाफ़ भड़काने के लिए किसान आंदोलन पर कब्ज़ा कर लिया है। 12 जनवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत मौजूद हैं कि किसान आंदोलन में खालिस्तानी तत्व शामिल हैं।
प्रदर्शन के दौरान तमाम ‘किसानों’ ने हिंसा भड़काने का प्रयास किया और खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए। पंजाब के किसानों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काने के मामले में SFJ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक और अहम बात ये है कि पाकिस्तान प्रायोजित खालिस्तानी आतंकी संगठन SFJ ने पहले पंजाब और हरियाणा के किसानों को खालिस्तान का समर्थन करने के लिए 1 मिलियन डॉलर का लालच दिया था।
किसानों को भड़काने के लिए राकेश टिकैत की धमकियाँ
स्वघोषित किसान नेता राकेश टिकैत की 26 जनवरी को दिल्ली में मार्च निकालने की धमकी के कुछ हफ्ते पहले ही इन्होंने दिल्ली को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे को ब्लॉक करने की चेतावनी दी थी। इनका कहना था कि सरकार तीन कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर प्रदर्शनकारियों की माँग स्वीकार नहीं करती है तो वह ‘चक्का जाम’ करेंगे। इसके पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि 2024 के पहले उनकी विरोध-प्रदर्शन रोकने की योजना नहीं है।