गुजरात के गाँधीनगर में राहुल गाँधी ने भाषण देते हुए दावा किया था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाया गया क्योंकि वो जनजातीय (आदिवासी) समाज से आती हैं। राहुल गाँधी के इस भाषण के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया से पता चलने के बाद अब ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के महासचिव चंपत राय ने बयान जारी करके राहुल गाँधी के दावे को भ्रामक और निराधार बताया है।
उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा कि राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र का महामंत्री होने के नाते उन्हें राहुल गाँधी के भाषण से गंभीर आपत्ति है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी की कही बातें नितांत असत्य हैं, निराधार हैं और भ्रामक हैं। वह बोले, “हम राहुल गाँधी को बताना चाहते हैं कि देश की वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, दोनों को अयोध्या में हुए कार्यक्रम में पधारने के लिए निमंत्रण दिया गया था।”
Today an article has been published in the Delhi edition of The Times of India. The article mentions the speech of Congress leader Shri Rahul Gandhi, delivered in Gandhinagar, Gujarat.
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 30, 2024
In his speech, Shri Rahul Gandhi said that the Hon’ble President of Bharat was not invited to… pic.twitter.com/cX6UKnmibj
चंपत राय ने आगे कहा, “हम राहुल गाँधी को ये भी बता देना चाहते हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग और अत्यधिक गरीब समाज के तमाम लोगों को आमंत्रित किया गया था और वे पधारे भी थे। संत-महापुरुष, समाज जीवन में यश प्राप्त करने वाले और समाज जीवन में भारत का नाम बढ़ाने वाले परिवारों एवं गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी कार्यक्रम में आए थे।”
चंपत राय ने जानकारी दी कि कार्यक्रम के दौरान मंदिर निर्माण करने वाले श्रमिक भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मौजूद थे। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान भी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कई परिवारों को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के ‘शुभ मंडप’ में पूजा करने का अवसर दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने जीवन में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया, तो राम जन्म भूमि निर्माण में लगा हुआ ट्रस्ट भी किसी के साथ भेदभाव करने का विचार नहीं रख सकता। इस ट्रस्ट में 6 संत महात्मा भी हैं, जो सब समाज को भगवान का ही रूप मानकर व्यवहार करते हैं। चंपत राय यह भी बोले कि राहुल गाँधी ने तथ्यों की जाँच के बिना यह आरोप लगाए हैं। प्राण प्रतिष्ठा के तीन महीने बाद ऐसी बात करना समाज में भेदभाव पैदा करने का प्रयास है सिद्ध हो सकता है। इसलिए ट्रस्ट इस पर गंभीर आपत्ति व्यक्त करता है। हमारा काम समाज को जोड़ना है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी कई बार राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस के नेता राम मंदिर को लेकर ऐसा विवाद खड़ा कर चुके हैं जहाँ कहा जाता है कि ये कार्यक्रम भाजपा का राजनैतिक कार्यक्रम था और इसमें नरेंद्र मोदी के खास लोग ही बुलाए गए थे। हकीकत जबकि यह है कि निमंत्रण देने का काम मंदिर के ट्रस्ट ने किया और इस कार्यक्रम में सभी समाज के लोग भी आए थे।