कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अयोध्या श्री राम मंदिर समर्पण निधि अभियान पर सवाल उठाए हैं। जेडीएस नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने अपनी नाराजगी प्रकट की है। कुमारस्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के कार्यकर्ता कर्नाटक में राम मंदिर के नाम पर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन जो पैसा नहीं दे रहा है उसका नाम लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाजियों ने जो जर्मनी में किया था, वैसा ही RSS यहाँ पर कर रहा है।
इसके बाद कुमारस्वामी ने एक बयान में कहा, “मुझे राम मंदिर के लिए पैसे के योगदान की चिंता नहीं है। यदि आवश्यक हुआ तो मैं भी योगदान दूँगा। लेकिन सही जानकारी कौन दे रहा है? पैसा इकट्ठा करने में पारदर्शिता कहाँ है? कई लोग दूसरों को धमकी देकर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं।”
इस बयान पर वीएचपी की नाराजगी के बाद कुमारस्वामी ने सोमवार (फरवरी 16, 2021) कहा कि उन्होंने किसी भी संगठन के नाम का जिक्र नहीं किया है। उन्होंने कहा, “किसने दान देने की अनुमति दी है? इसके लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता होती है। किस आधार पर लोग सड़कों पर और हर गाँव में पैसा इकट्ठा कर रहे हैं? वे किसको हिसाब देंगे? भावनाओं को आहात कर पैसा जुटाया जा रहा है।”
रिपोर्ट्स के अनुसार, VHP ने कुमारस्वामी के बयान को बेहद गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवक समाज के सभी वर्गों तक पहुँच रहे हैं और उन्हें सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये स्वयंसेवक लोगों से पैसे की माँग भी नहीं करते हैं फिर भी लोग अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए योगदान भी दे रहे हैं क्योंकि सभी का दृढ़ता से मानना है कि श्रीराम भारत की पहचान हैं।
वहीं, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मंदिर निर्माण के लिए दान को लेकर कहा, “अगर वे चंदा माँगने आएँगे तो मैं बोल दूँगा कि अयोध्या में विवादित राम मंदिर के लिए चंदा नहीं दूँगा। मैं कहीं दूसरी जगह बन रहे राम मंदिर के लिए दान दे दूँगा। भले ही मामला सेटल हो गया है लेकिन विवाद हमेशा बरकरार रहेगा।”