मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु दक्षिण जिला करने जा रही है। कर्नाटक सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार (26 जुलाई 2024) को जिले का नाम बदलने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके पहले कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इस संबंध में घोषणा की थी।
कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि रामनगर के लोगों और वहाँ के निर्वाचित प्रतिनिधियों की माँग पर विचार करते हुए इसे मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, “ब्रांड बेंगलुरु को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने रामनगर के विधायकों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।”
हालाँकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह केवल नाम परिवर्तन है और बाकी तालुकाएँ वैसे ही रहेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया, “राजस्व विभाग इसे अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू करेगा और केवल जिले का नाम बदलेगा।” वर्तमान में रामनगर जिले में पाँच ब्लॉक- रामनगर, मगदी, कनकपुरा, चन्नपटना और हरोहल्ली हैं। ये सभी अब बेंगलुरु दक्षिण जिले का हिस्सा होंगे।
इससे पहले कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने 9 जुलाई 2024 को रामनगर जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपा था। शिवकुमार ने कहा था कि जिले के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रामनगर का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा था कि रामनगर, चन्नपटना, मगदी, कनकपुरा, हारोहल्ली तालुकों के भविष्य और विकास को ध्यान में नेताओं ने यह प्रस्ताव दिया है।
कैबिनेट के फैसलेे पर खुशी जाहिर करते हुए शिवकुमार ने कहा, “हम सभी मूल रूप से बेंगलुरु जिले के हैं। इसमें बेंगलुरु शहर, डोड्डाबल्लापुर, देवनहल्ली, होसकोटे, कनकपुरा, रामनगर, चन्नपटना, मगदी शामिल हैं। प्रशासनिक रूप से यह पहले बेंगलुरु शहर, बेंगलुरु ग्रामीण और रामनगर में विभाजित था। अब यह बेंगलुरु शहर, बेंगलुरु ग्रामीण और बेंगलुरु दक्षिण हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “बेंगलुरु दक्षिण जिला बनाने से मैसूर तक रामनगर, चन्नपटना और मगदी का विकास होगा। उद्योगों की स्थापना को आमंत्रित किया जाएगा और संपत्ति के मूल्य को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। बेंगलुरु की सीमा एक तरफ आंध्र प्रदेश और दूसरी तरफ तमिलनाडु से लगती है। इस प्रकार यह हिस्सा बेंगलुरु के विकास और विस्तार के लिए छोड़ा गया है।”
सरकार के इस फैसले का भाजपा और जेडीएस ने विरोध किया है। इनका कहना है कि रामनगर में रियल एस्टेट को बढ़ाने की मंशा से नाम बदला गया है। इस तरह के कदम से विकास नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री और जेडीएस कुमारस्वामी ने रामनगर का नाम बदलने को लेकर डीके शिवकुमार की आलोचना की और आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।
केंद्रीय मंत्री डीके कुमारस्वामी ने कहा, “रामनगर से मेरा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं, बल्कि भावनात्मक रिश्ता है। अगर रामनगर जिले का नाम बदला जाता है तो मैं अपनी जान जोखिम में डालने और खराब स्वास्थ्य के बावजूद आमरण अनशन पर बैठने के लिए तैयार हूँ। आखिरी क्षण तक मैं उस जिले के गौरव की रक्षा के लिए लडूँगा।”