उत्तर प्रदेश में काँवड़ यात्रा के मार्ग में पड़ने वाले सभी ढाबों-ठेलों को आदेश दिया गया है कि वो अपने मालिकों के नाम भी प्रदर्शित करें। भले ही ये निर्णय सभी जाति-धर्मों के लिए लिया गया है और इसका उद्देश्य पारदर्शिता है, लेकिन मुस्लिमों के एक बड़े वर्ग को इससे खासी परेशानी हो रही है जिसका प्रतिनिधित्व AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और TMC के फिरहाद हकीम जैसे लोग कर रहे हैं। वहीं सामान्य लोग पूछ रहे हैं कि जब मुस्लिम ‘हलाल’ सर्टिफिकेट को प्राथमिकता देता है तो क्या काँवड़िए पवित्रता के लिए स्वेच्छा से ये नहीं चुन सकते कि वो कहाँ से खाना खाएँ?
इस फैसले की गूँज अब मध्य प्रदेश और बिहार में भी सुनाई दे रही है, जहाँ के भाजपा विधायकों ने यूपी जैसा फैसला लागू करने की माँग की है। मध्य प्रदेश में जहाँ भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है और मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं, वहीं बिहार में NDA की सरकार है जिसमें JDU के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। JDU और TDP केंद्र में भाजपा के 2 सबसे बड़े साझीदारों में से हैं। बिहार में तो नहीं, लेकिन MP में उम्मीद जताई जा रही है कि इस तरह का फैसला जल्द लागू होगा।
इंदौर से BJP विधायक रमेश मेंदोला ने सीएम यादव को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने ये आदेश देने का अनुरोध किया है कि हर दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखा जाए। उन्होंने कहा कि नाम पूछना ग्राहक का अधिकार है और नाम बताने में दुकानदारों को शर्म नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए। उन्होंने राज्य के हर छोटे-बड़े कारोबारी के लिए ऐसा नियम बनाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि इससे कारोबारियों की पहचान स्थापित होगी और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के तीव्र होने के कारण बाजार मजबूत होगा।
विपक्ष जितना मर्ज़ी चिल्लाता रहे।
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) July 20, 2024
बाबा जी जानते है,कांवड यात्रा के दौरान LAW & ORDER को देखते हुए,ये फ़ैसला कितना उपयोगी है।
जो अपना असली नाम नहीं लगा रहा है,अब ख़ुद पुलिस लगा रही है। pic.twitter.com/6TWKnyLQwb
वहीं बिहार में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा यूपी जैसा फैसला यहाँ लागू हो जाता है तो सारा झगड़ा ही खत्म हो जाएगा, यात्री इच्छानुसार अपनी पसंद की दुकान पर जाएँगे। मधुबनी के बिस्फी से MLA बचौल ने कहा कि इससे बाद में होने वाले विवादों से छुटकारा मिल जाएगा, काँवड़ियों को झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। बता दें कि बिहार से बड़ी संख्या में काँवड़ यात्री झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम में जल अर्पण करने जाते हैं। वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं।