नए कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु और टिकरी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार 20वें दिन भी जारी है। दोनों पक्षों- कृषि यूनियनों और सरकार, के एक समझौते तक पहुँचने के अभी तक कोई संकेत नहीं हैं। दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर किसानों के आंदोलन को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
Delhi: Rapid Action Force (RAF) & additional forces deployed at Singhu (Delhi-Haryana) border as farmers' protest enters 20th day pic.twitter.com/vvfdNlhubc
— ANI (@ANI) December 15, 2020
किसान अपनी माँगों पर अड़े हैं और किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे कृषि कानूनों को रद्द करने से कम पर आंदोलन वापस नहीं लेंगे। इसे देखते हुए उन्होंने सोमवार (दिसंबर 14, 2020) को भूख हड़ताल भी की। यही नहीं, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी उनके समर्थन में उपवास किया।
Farmers' protest at Tikri border continues for the 20th day
— ANI (@ANI) December 15, 2020
Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar yesterday said that discussions should be held clause by clause.#FarmLaws pic.twitter.com/OKY7jzUOFu
सोमवार को 40 कृषि संघ के नेताओं ने सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ‘सरकार को जगाने के लिए’ भूख हड़ताल की, जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र चाहता है कि कृषि कानूनों पर चरणबद्ध तरीके से चर्चा हो।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र पहले भी कह चुका है कि कृषि कानूनों पर सरकार आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। अगर किसानों की तरफ से बातचीत का प्रस्ताव आता है, तो सरकार निश्चित तौर पर उनसे बात करेगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कृषि कानूनों पर किसान हमारे प्रस्ताव पर अपनी राय दें तो हम निश्चित रूप से आगे की बातचीत शुरू करेंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सिर्फ संवाद से ही मसलों का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों से जुड़े किसानों के हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है, पर पूरा कानून खत्म कर देना विकल्प नहीं हो सकता है।
Farmers' protest at Tikri border continues for the 20th day
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Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar yesterday said that discussions should be held clause by clause.#FarmLaws pic.twitter.com/OKY7jzUOFu
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “आज महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार, केरल और हरियाणा से आए 10 किसान संगठनों ने ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के तहत दिल्ली पहुँचकर सरकार को कृषि कानूनों पर अपना समर्थन पत्र सौंपा है। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हित में ये तीनों कृषि कानून लेकर आई है इसलिए वो इसका स्वागत और समर्थन करते हैं।”
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि किसानों को समझना चाहिए कि सरकार उनके साथ है, किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने किसानों को प्रस्ताव दिया कि वे सरकार के साथ आएँ और कानूनों पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ है और अगर किसान कृषि कानूनों के संबंध में कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो सरकार इसे स्वीकार करने के लिए तैयार है।