Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजहिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा पूर्व मंत्री रसीद मसूद के रस्म तेरहवीं कार्यक्रम पर...

हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा पूर्व मंत्री रसीद मसूद के रस्म तेरहवीं कार्यक्रम पर भड़के देवबंद उलेमा, कहा- यह ‘हराम’ है

मदरसा जामिया शेख-उल-हिंद के मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि इस्लाम में किसी दूसरे धर्म की परंपराओं को अपनाए जाने की सख्त मनाही है। असद कासमी ने कहा कि किसी दूसरे मजहब की रस्म तेरहवीं में मंत्रोच्चारण के बीच पगड़ी पहनाए जाना इस्लाम मजहब के खिलाफ है।

हिंदू समाज द्वारा मनाई गई पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद की रस्म तेरहवीं में पूर्व विधायक इमरान मसूद व शाजाद मसूद सहित परिवार के अन्य सदस्यों के शामिल होने पर उलमा ने कड़ा एतराज जताया है। उलमा का कहना है कि ऐसी रस्में मुस्लिमों के लिए ‘हराम’ है। 

बता दें कि इस समारोह का आयोजन बिलासपुर में मास्टर रतन लाल द्वारा किया गया था। रतन लाल, रशीद मसूद को अपना भाई मानते थे और उनका मसूद परिवार से अच्छे संबंध थे। नौ बार सांसद रहे काजी रशीद मसूद का हाल ही में कोरोना से निधन हो गया था। 

बिलासपुर गाँव में हिदू समाज ने उनकी रस्म पगड़ी का आयोजन किया। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार मंत्रोच्चार के बीच उनके पुत्र शाजान मसूद को पगड़ी पहनाई गई। इस दौरान काजी रशीद मसूद के भतीजे और पूर्व विधायक इमरान मसूद व कई कॉन्ग्रेस नेता भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

मदरसा जामिया शेख-उल-हिंद के मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि इस्लाम में किसी दूसरे धर्म की परंपराओं को अपनाए जाने की सख्त मनाही है। असद कासमी ने कहा कि किसी दूसरे मजहब की रस्म तेरहवीं में मंत्रोच्चारण के बीच पगड़ी पहनाए जाना इस्लाम मजहब के खिलाफ है। इसके साथ ही उन्होंने मसूद के बेटे को हिंदू समारोह में भाग लेने के लिए अल्लाह से तौबा करने के लिए कहा। 

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के रस्म तेरहवीं के कार्यक्रम में मंत्रोच्चारण के बीच काजी रशीद मसूद के बेटे को पगड़ी पहनाया जाना इस्लाम के खिलाफ है। इसके लिए उन्हें अल्लाह से तौबा कर सच्चे दिल से माफी माँगनी चाहिए। मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि घर के किसी बड़े को चुनना या पगड़ी बाँधना बुरी बात नहीं है, लेकिन यह इस्लामिक रीति-रिवाजों से होना चाहिए।

उलेमा की टिप्पणी पर पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद के भतीजे इमरान मसूद ने कहा कि हम कलमे के मानने वाले हैं। उन्हें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। क्योंकि वो और हमारा अल्लाह ही बेहतर जानने वाले हैं। समारोह का हिस्सा रहे शाज़ान मसूद ने कहा कि ‘पगड़ी’ की रस्म पीढ़ियों से उनके परिवार का हिस्सा रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -